9 August commemorates the International Day of the World’s Indigenous Peoples. It is celebrated around the world and marks the date of the inaugural session of the Working Group on Indigenous Populations at the United Nations in 1982.
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🤔किसी भी बात को
पहले जानो,छानो तब मानो
🤔अपनी तर्कशक्ति
और
बुद्धि विवेक का पूर्ण रूप
से इस्तेमाल कीजिये।-
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भगवान बुद्ध ने कहा था दुखों का मूल कारण तृष्णा है। इसीलिए संसार चक्र और दुखों से मुक्ति के लिए तृष्णा का नाश होना जरूरी है। उन्होंने अपने अनुयायियों से कहा मेरे बताए गये मार्ग चलो, मेरे ज्ञान का आत्मसात करो। नियमित रूप से ध्यान करो।
आज के परिणाम अतीत के कर्मो से तय होते है।
अपने भविष्य को बदल पाने के लिए आज के फैसलों को बदले।
छोटी छोटी खुशियां ही तो जीने का सहारा बनती है,
ख्वाहिशों का क्या है पल-पल बदलती है।
🌻 अपने स्वामी स्वयं बनो 🌻
👌 सबका मंगल हो 👌-
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अनुभव की भट्टी में तपकर
जो जलते हैं!
दुनिया के बाजार में
वही सिक्के चलते हैं!!
जय भीम📘✍️
नमो बुद्धाय 🌷🌷
जय जोहार 🌳🌳
📘✍️🌷🌷🌳🌳-
🌳🌹मीणा दर्शन - यशवंत मीणा🌹🌳
🌳😊 छोड़ दीजिए 😊 🌳
🍁 एक दो बार समझाने से कोई नही समझ रहा है तो सामने वाले को समझाना
छोड़ दीजिए 🍁
🍁 बच्चे बड़े होने पर वो खुद के निर्णय लेने लगे तो उनके पीछे लगना
छोड़ दीजिए 🍁
🍁 गिने चुने लोगो से अपने विचार मिलते है,
एक दो से नही जुड़े तो उन्हें
छोड़ दीजिए🍁
🍁 एक उम्र के बाद कोई आपको ना पूछे या कोई पीठ पीछे आपके बारे में गलत कह रहा है तो दिल पे लेना
छोड़ दीजिए🍁
🍁अपने हाथ कुछ नही, ये अनुभव आने पर भविष्य की चिंता करना
छोड़ दीजिए 🍁
🍁 इच्छा और क्षमता में बहोत फर्क पड़ रहा है तो खुद से अपेक्षा करना
छोड़ दीजिए 🍁
अच्छा लगे तो ठीक ना लगे तो हल्के में लेकर
छोड़ दीजिए...🌳🙏-
मीणाओ की गाथा🏻
🌳आव्हान🌳
मीन धरा के मीन बांकुरो तुम्हें जगाने आया हुं।
कुटिल कुचाली दुशासनो को आज भगाने आया हुं ।।
मरु मेर और मारवाड से ,सब भूपति दहलाते थे ।
हाड बाढ और माल देश के, पाल तुम्हीं कहलाते थे ।।
मेवपाल बृजपाल राठ के, तुम सच्चे अधिकारी थे ।
बाडमेर गन्धार सुवालक, मीन राज्य के धारी थे ।।
दूदा और बादा की सन्तति,भाई चारा भूल गई ।
मेदा की हुन्कार आज, निज मन से क्यों निर्मूल हुई ।।
टटवाडा के तुम्हीं वीर थे , नाहन के तुम मर्द महान ।
दुशमन की रणभेरी सुनकर , क्यों बैठे हो बन अनजान।।
हमने सदा दूसरे के दुख, को अपना ही मान लिया ।
राजा हो या रन्क हमेशा, समदरशी सम्मान दिया ।।
तन मन से हम धनी रहें हैं,बातों और निज नातो के।
मगर सदैव मात खाई है,अपने इन जज्बातों से ।।
स्वाभिमान श्रन्गार सदा से , रहता आया इस जन का।
आन बान और शान के आगे, कोई मोल नहीं धन का ।।
फूलों से भी कोमल हैं हम , लोक व्यवहार निभावन में ।
वज्रों से भी अति कठोर हैं, दुश्मन के दावानल मे ।।
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पीछे हटना कभी ना सीखा, शीस भले ही हो अर्पण,
बैर भाव को छोड भुला दो,पिछली छद्म कहानी को.
अधिकारो की रक्षा हित , न्योछावर करो जवानी को।।🌳
🌳जय जोहार🌳-
कला जीवन शैली,
वेशभूषा और सांस्कृतिक
विविधताओं को समेटे हुए
हमारे समस्त आदिवासी भाई बहन को
विश्व आदिवासी दिवस की शुभकामनाएं
9 अगस्त-
धरती आबा सुर्य क्रान्ति
बिरसा मुंडा के जन्म जयंती
पर शत -शत नमन
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जय बिरसा
जय आदिवासी
जय जोहार-
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🍁 आज की प्रेरणा 🍁
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इंसान कहता है कि पैसा आये तो मैं कुछ करके दिखाऊँ... और पैसा कहता है कि तू कुछ करके दिखा तो मैं आऊं।
आज से हम कुछ करके दिखाने के लिये जियें न कि सिर्फ पैसा कमाने के लिए...
@MeenaYashavant
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मौत और कफ़न बाँध कर चल रहा हूँ।
सलाखों से नहीं डरता,बात अगर मेरी होती तो बैठ जाता घर में,लेकिन बात आदिवासियों के भविष्य की हैं।
#StatueOfDisplacement-