QUOTES ON #जय_जगन्नाथ

#जय_जगन्नाथ quotes

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27 AUG 2022 AT 19:23

मैं क्यों ढूंढू
"प्रेम" परिभाषा नाथ...
जब भक्ति में
भक्तों के आँखों से
प्रेम वर्षा देखी हूँ...

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23 JUN 2020 AT 11:11

क्या फर्क़ पड़ता है कि मैं किसके हाथो में हूँ...
रहूँ मैं जहाँ भी धड़कता तो सभी के दिलों में हूँ..!

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23 JUN 2020 AT 12:21

जगत के नाथ हैं कहलाते।
और बच्चों से हैं, पाले जाते।
इनकी रोज छप्पन भोग होती है।
अद्भुत लीलाओं के कर्ता है।
मुरलीधर बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ विराजते हैं।
रथ पर सवार होकर मौसी घर गुंडिचा गृह जाते हैं।
इसी अनुपम लीला को रथयात्रा कहते हैं।

जय जगन्नाथ.....

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24 DEC 2019 AT 19:16

जब ऊपर वाला ही हमें समझ नहीं पा रहा है..?
तो इन मिट्टी के इन्सानों से कैसी शिकायत..💔

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23 JUN 2020 AT 7:39

रथयात्रा की सभी को
शुभकामनाएं.. 🙏

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2 DEC 2020 AT 20:25

हम प्रत्येक हिन्दु के साथ खड़े होने की प्रतिज्ञा करते हैं।
चाहे आपके हृदय में अभी हिन्दुत्व की भावनाएं हो
या फिर
आप आगे चलकर अपने भितर हिन्दुत्व को जगाएं,
ठोकरें खाने के बाद
(तथाकथित सेक्युलर लोगों के हित में)।

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23 JUN 2020 AT 10:03

आज सजी है पुरी-नगरी सारी,
रथ पर सवार निकली जगन्नाथ की सवारी,
संग में बलभद्र-सुभद्रा की झांकी प्यारी,
नाथों के नाथ जगन्नाथ की महिमा न्यारी।

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28 APR 2019 AT 12:28

चारों धामों में ये एक धाम है
ये शंख खेत्र पूरी जगन्नाथ धाम है...
हिन्दू संस्कृति मानव सभ्यता का
ये रूप पुराना है,
तीन देवताओं का रहस्य अनावरण
कभी किसी ने न जाना है...
यहां स्तापित प्रभु जगन्नाथ, बलभद्र
देवी शुभद्रा की अर्धनिर्मित काष्ठ त्रिमूर्ति है,
जो सर्व-बर्तमान, सर्व-बैज्ञानिक
सर्वव्यापी, सर्बोच्च रूप की शक्ति है...
मंदिर की ध्वज हर वक़्त पवन की
उल्टी दिशा में उड़ती है,
कितनी भी आये तूफान न
गिरती है न पड़ती है...
एक रहस्य समझ न आये कोई पखी मंदिर की
ऊपर न उड़ती है न बैठती है,
मंदिर की छाया दिन भर में
धरती पर न दिखती है...
लाखों भक्त की पेट भरे पर मन न भरे
ये मंदिर की प्रसाद है,
मिट्टी की पात्र में ऊपर से नीचे खाना बनते एक भी अन्न
व्यर्थ न जाए जो कहलाये महाप्रसाद है...
विश्व की सबसे बड़ी यात्रा प्रभु की
रथयात्रा को कहा जाता है,
आषाढ़ माह की द्वितीया को
ये यात्रा संपर्ण होता है...
ऐसे ही मंदिर की बारे में बहत
छोटी बड़ी कहानी है,
समय मिले तो तुमको फिर
कभी सुनानी है...

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12 DEC 2020 AT 23:21

हिन्दुत्व की शक्ति इतनी अधिक
और प्रेरणादायक है कि जब भी
हम हिन्दुओं से मिलते या फिर
बातें करते हैं, तब हमारे शरीर में
नये ऊर्जाओं के विकास होता है
और हमारे हृदय भगवत प्रेम की
आलोक से आलोकित हो जाता है।

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26 AUG 2020 AT 23:14

सुबह से शाम तक, शाम से फिर सुबह तक,
श्याम के नाम हो होंठ पर मृत्यु के आने तक।

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