क्योंकि तुम लापरवाह जो हो..
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हाथ पर हाथ धरे बैठे रहे तो..
हासिल कुछ न होगा,
संघर्ष माँगती है ज़िन्दगी..!
जिन्होंने मनचाहा लक्ष्य पाया है,
क्या उन्होंने कुछ नहीं किया..?
सफ़लता की चाहत हो तो ..
संघर्ष का पसीना बहाती है ज़िंदगी..!
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एक घर था
जहाँ माँ थी.. !
जहाँ इंतज़ार था
वहाँ माँ थी.. !
था आशीर्वाद आँखों में,
वहाँ भी माँ थी!
प्यार भरा स्पर्श,
वहाँ भी माँ थी..!
लेकिन आज...
घर तो वही है,
पर माँ, जो तुझमें था..
वो कहीं भी दिखा नहीं..!
मधु मिshra ✨
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किसी और की सुध लूँ भी तो कैसे..
तुझमें ही तो अक़्स मेरा गुम हुआ जा रहा..!
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वक़्त अपनी चोट देता ज़रूर है हर किसी को ,
मन मुताबिक मंज़िल तो तक़दीर की मुट्ठी में है l-
यूँ तो तन्हाई में अक़्सर ख़ुद को पढ़ते रहे हैं हम,
पर टैग नादानी का बड़ी आसानी से पहना देते हैं लोग l-
प्रेम पथ आसान नहीं, न.. ही निराधार,
कठिन तप के बाद हुई शिवा..
शिव से एकाकार..!
मधु मिshra 🌿☘️
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आँखें झूठ नहीं बोलती,
तभी तो...
पढ़ लिया था मैंने,
तुम्हारी चोर नज़रों में,
अपने लिए तुम्हारी दिवानगी l
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