QUOTES ON #जब

#जब quotes

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प्यार तो था, पर अब नहीं है......
तेरी फिकर होती थी, पर अब नहीं है
और तुझे लगता हैं...✨
तेरे बिना जीना छोड़ दूंगी तो,सुन
ये तेरा वहम है... हकीकत नहीं है 💔

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एक वक्त था जब उसे मेरी
हर अदा पे प्यार आता था...
पर अब मेरी मीठी बाते
भी उसे कड़वी लगती है 💔
उसे कोई और मिल गया है
इसलिए मेरी हर बात
उसे अब बुरी लगती हैं

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24 NOV 2020 AT 18:10

जब जब खुद को
ढूंढने निकलती हूं
हर दफा एक हारा हुआ इंसान
ही पाती हूं
बहुत कोशिशें की है मैंने
खुद को समझाने की,पर
यकीन मानिए साहब
कुछ वक्त के बाद ये सारी
कोशिशे बेअसर सी हो जाया करती हैं
पर जब जब पीछे मुड़कर
निहारती हूं तब तब
एक पागलपन सा छा जाया
करता है,कब रो रही हूं
कब हंस रही हूं,खिलखिलाता
चेहरा कब यूं खामोश हो जाता है
कुछ समझ नहीं आता,बस
मेरी कोशिशे बेअसर हो गई हैं अब
हॉ भीड़ में भी आजकल अकेली
रहने लगी हूं मैं
हॉ हजार दोस्त है मेरे पर
यकीन मानिये साहब
"कोई साथ नहीं...!"
"हॉ,जब जब खुद को ढूंढने
निकलती हूं,खुदमे तब तब
एक हारा हुआ इंसान
पाती हूं खुद में...!"

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8 JUN 2020 AT 18:39

थोड़े मायूस हैं वो तो थोड़े ख़ामोश खड़े है
कहीं सूखे से वो तो कहीं बेजान पड़े है,
बगिया ये सारी खुद बेबस है यहां पर
जमीं भी नम है आंखों से आंसु गिरे पड़े हैं,

जब भी कभी ये अपना दर्द बयां करते हैं
पलको को झुका ये नज़रो से रो पड़ते हैं,
बेजुबान हैं ये ज़ख्मों को दबा लेते यूं
जमीं से जुदा होने से हर वक़्त ये बहुत डरते हैं,

करते हैं सवाल आखिर ऐसा क्यूं होता है
क्यों जीवों से जीवन छीनता है?
क्यों ये धरती बेघर होती है?
क्यों ये नील गगन रोता है?

आखिर कबतक समझेंगे ये प्राणी
इस प्रकृति की ये रोती हुई वाणी,
देखो कहीं फिर देर ना हो जाए
जग सारा कहीं इक अंधेरे में ना खो जाए,

अब खुद को ही हमे समझाना है
इस जग को इक नई दिशा में ले जाना है।।


@RITIK GUPTA



















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8 APR 2020 AT 18:38

फिर वही अपना प्यारा-सा
बचपना याद आया ,
जब झूला और बारिश ने
वो बचपन दोहराया ।

बचपन के गलियारों में तो
सभी लगते थे अपने ,
तब पता न था ये रिश्तें
सीमित होते हैं इतने ।

बड़े होते-होते सिमट जाएगी
ख्वाबों की दुनिया ,
सिर्फ अपना परिवार ही
बन जाएगी अपनी दुनिया ।

वो बचपन भी क्या बचपन हुए
जब दिल पर कोई बात न लगती ,
बड़े हुए तो छोटी से छोटी बातें भी
सीधे दिल पर जा चुभती ।।

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6 AUG 2019 AT 9:37

हुनर था हर हाल मे हँसने का मेरे पास,

आज रोने लगा हुँ कुछ तो बात होंगी।।

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22 MAY 2019 AT 19:58

मैं उसको अपना क्या हाल बताता,

जो खुद इस हाल में छोड़ गए।।

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16 AUG 2019 AT 7:35

वो जो थे क़भी मेरे दर्द के हमदम,
अब मेरे दर्द से परे हो गये,
वो जो थे बचपन के यार,
ज़िन्दगी की कश्मकश में कही जुदा हो गये,
था वो गुज़रा जमाना ही बेहतर,
क्यों ख़ामख़ा हम वक़्त के साथ बड़े हो गये।।

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28 JUN 2019 AT 21:09

अरे........
तुम्हें क्या पता क्या खोया हैं मैंने,
जो मैं यूँ खोया खोया रहता हूँ।।

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31 MAY 2019 AT 9:45

कहते है जब कोई ख़ूबसूरत घटना घटती है,

तो रूह बाहर निकल कर आ जाती आँखो में।

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