जब तेरे अमूक अल्फाज़, आँसुओ में तब्दील होती हैं
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मुझे रोना तो बहुत आ रहा है🥺
लेकिन रो नहीं पा रही हूं..
घबराहट तो बहुत हो रही है दिल में.
पता नहीं पर में सह नहीं पा रही हूं..😔
🌠🌠🌠-
जब वो परेशान होती है
बहुत मजबूत दिल की है वो
कभी ना आपा खोती है
फिर मेरे चोट को देख कर वो
ना जाने क्यू रोती है
चाहे कितनी भी गुस्सा हो
उसे मेरी फ़िक्र होती है
शायद इसलिए ही कहते
मां तो मां होती हैं
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एक 'घबराहट' सी रहती है सीने में आजकल
सुनो! तुम मेरा 'सुकून' बनकर आ जाओ ना
- साकेत गर्ग 'सागा'-
करवट बदलते बदलते, रात पूरी हो गई
क्या कहेंगे कैसे कहेंगे, बात अधूरी रह गई
सुबह की वो अनमनी धूप कुछ जल्दी आ गई
दिल तो खोल के रख दिया था हमने उनके लिए
पर जो सबसे था अहम वो बात जरूरी रह गई।
मुसलसल सा वो दिन गुज़रा, उनके ही ख्यालों मे
खुद को जवाब देते रहे, खुदि से किए सवालों में
वो दिन गुज़र फिर शाम अयी ख्यालों ही खयालों में
खुद को टटोला और संभाला और कुछ दिया हौसला
क्या करे उन के सामने सारी दिलेरी फिर जवाब दे गई-
जो मैं यहाँ उदास हो जाऊँ, उसे वहाँ घबराहट होती है
है मीलों का फ़ासला पर दिल-से-दिल की बात होती है
- साकेत गर्ग-
बच्ची होती तो शायद ना घबराती मैं
बढ़ती उम्र ने ज़िन्दगी से परिचित कर दिया,,
वो पराए होते तो शायद ना घबराती मैं
बाप को बेबस देख उसने बाप को ही पराया कर दिया,,-
एक अजीब सी घबराहट रहती हैं सीने मे आजकल
सुनो! तुम मेरा सुकून बनकर आ जाओ न
✍कुछ अनकही अल्फाज मेरे कलम से-
कदमो में वो अपने...समंदर रखती है👰
वो दिल की बात...दिल के अंदर रखती है।👼
लड़कियाँ घूमती है आजकल...मदारी बनकर💆
सुना है आशिको को...बनाके बंदर रखती है।😋-
तेरे जाने के बारे में सोचकर ही जब घबराहट सी होती है
तो जरा सोच तेरे जाने के बाद क्या क्या होगा
कि न सीने में जिन्दा होगा दिल ये कहीं
और न ही मेरा कोई वजूद होगा-