खौफ है हमें, खुद की ही, निगाहों से, कि........, कहीं इन्हें, तेरी, तलब न लग जाए। अगर, मुकम्मल नहीं होगे, तुम हमें, तो, ये जिन्दगी हमारी, कहीं, मसला न बन जाए।।
बेखौफ ज़िन्दगी है, एक ख़्वाब के मानिंद, हक़ीकत-ए-ज़िन्दगी में है हर शख्स डरा डरा, अल्फ़ाज़ हैं लरज़ते, आवाज़ जो निकालूँ, एक पल सुकूँन-ए-दिल, है मुझको नहीं ज़रा...