वक्त निकल जाने से पहले, वक्त की तुम कद्र करो। निकल गया ये वक्त तो, फिर हाथ ये आता नहीं। मोहब्बत की मिशाल में, तुम ना इसे बर्बाद करो। वक्त की तुम कद्र करो, वक्त निकल जाने से पहले।
जिन्ना और नेहरू के सपने तले बलि चढ़ गया हिंदुस्तान दोनों ही थे जिद पर अडे जाने कितनों के गए प्राण काश! गांधी ही कोई सही कदम उठाते सरदार बल्लभ भाई पटेल को पहला प्रधान मंत्री बनाते न होता इतना खून खराबा न होता देश का बंटवारा उस एक गलती की सजा आज तक पा रहे है सब अपनों के लिए आंसू बहा रहे है न यहां अमन न वहां शांति जाने क्यों सब सत्य नहीं अपना रहे है हम स्वतंत्र तो हुए पर आज़ादी इतनी आसान न थी लाखों की बलि से मिली हमको इसकी कदर करना चाहिए सबको वन्दे मातरम
नफ़रत सी हो गयी है इस दुनिया से मुझे, यहां कद्र करने वाले को कभी कद्र नहीं मिलती... सच्ची मोहब्बत करने वाले को कभी मोहब्बत नहीं मिलती... सबको खुशी देने वाले को कभी खुशी नहीं मिलती... सबको राह दिखाने वाले को कभी राह नहीं मिलती... सच में, इस दुनिया में अच्छे लोगों को किंमत नहीं मिलती...।