अगर चुप्पी न कह सके प्रेम को
तो शब्द कभी नहीं कह पायेंगे-
तुम्हारा मुझ पर ये क्रोध करना
तुम्हारे होश में न होने का परिचायक है
और ये घृणापूर्ण अपशब्द
इसी बेहोशी की स्थिति की परिकाष्ठा
मेरा रह रहकर बीते हुए को याद करना
मेरे होश में न होने का परिणाम है
और आज तक पूर्णरूपेण क्षमा न दे पाना
इसी बेहोशी की अवस्था का प्रमाण
हम दोनों में से, जो कोई भी
इस बेहोशी की निद्रा को तोड़कर
सदा के लिए जाग जायेगा
और होश में आ जायेगा
.
.
वो ही 'बुद्ध' हो जायेगा!-
प्रेम जब कम होने लगे,
समझ लेना कि पूर्णतया समाप्त हो जाएगा।
बचेगा तो सिर्फ एक दिमाग का रिश्ता...
@ओशो
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-खुद को जांचो-
लाख अछि बातें सुन लो जबतक मन में न उतारो व्यर्थ है।
कहने को कुछ भी नही औऱ मानों तो पत्थर में भी सामर्थ है।
जितना भी आद्यात्म की ओर जाओ, जितना भी संदेश सुनों,।
लेकिन जबतक अपने अंदर के सतगुरु को न जानों, जबतक अपने ह्रदय अपने मन में आद्यात्म को न जान लो, क्योंकि सब कुछ तुमसे है,न जान लो तबतक सब कुछ व्यर्थ है।।-
होशपूर्वक मरना तभी संभव हो सकता है जब तुम होशपूर्वक जीना सीख लो ,
मैं मृत्यु सीखाता हूं ....
- ओशो-
# ओशो
मन को शांति ख़ुद से मिलती है,
भटकने वाले तो अबोल प्राणी होते है....!!-
मैं कोई जवाब न दे पाऊं ऐसा भी कोई सवाल करना।।
(रजनीश ओशो, आद्यात्म दर्शी)
आत्मा है अमर मेरी पूछने में कोई संकोच न करना।
मैं मर कर भी जीवित हूँ, उत्तर अपने ह्रदय में जांच करना,
मुझसे कोई द्रवित हर्दय होकर पूछे तो सही उसे उत्तर मिल जाएगा।।-
दिल जिस से जिंदा है।
वो तमन्ना तुम्हीं तो हो।।
आबाद रूह जिससे ।
वो अरमां तुम्ही तो हो।।
सूरज कहूँ या चांद कहूँ आसमां कहूँ।
जिसपर मुझे है नाज, वो जलवा तुम्ही तो हो।।-