मोहब्बत में पड़े पुरुष के लिए एक स्त्री की मुस्कान पहेली की तरह दीवार बनकर खड़ी होती है। पहेली से जूझता हुआ या तो वो स्त्री को प्रेम में अपना बना लेता है या तो खुद एक पहेली बन जाता है। बाद वाले की संख्या में बढ़ौतरी है वैसे। अब क्या बताएं मैं ख़ुद से जूझ रहा हूँ।
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28 NOV 2018 AT 10:06
9 MAY 2018 AT 1:05
नमी बहुत है इन आँखों में चलो सुखा लेते हैं
एकतरफा इश्क़ करके चलो दिल दुखा लेते हैं।-
26 NOV 2018 AT 0:39
ज़िक्र उस शख़्स का मेरे कानों में घोलती रही
मैं बस सुनता ही रहा वो पूरी रात बोलती रही।-
24 DEC 2018 AT 9:20
मेरे हाथों में उसके लिए मोहब्बत और उसके में दोस्ती की लकीर थी
मैं बेचारा मरता रहा ताउम्र उस पर और वो किसी और की तकदीर थी।-
7 MAR 2019 AT 1:43
ये दिन, ये शाम, और ये सभी रातें जवां रह गयीं
मोहब्बत ज़रा पास आई, ना जाने कहाँ रह गयी।-
30 APR 2017 AT 23:55
खुदा! "सुन" मेरी भी, अब
तू ज़रा मजबूरियां कर दे!
"मुक़म्मल" इश्क़ ना हो तो,
मुक़म्मल "दूरियाँ" कर दे।-
26 NOV 2018 AT 11:10
बड़े दिनों बाद कोई शख़्स मिला था
बहुत ही जल्दी वो छूटता नज़र आया
अभी शुरू किया था टुकड़ों को समेटना
अभी फिर देखा दिल टूटता नज़र आया।-
26 NOV 2018 AT 7:54
हम साथ चलते चलते अपना दिल छोड़ आये हैं
सनम हमारे बिना हाथ पकड़े कहते हैं जाना मत।-