संक्रमण के चक्कर में,
कोई खाली पेट सो जाएगा ।
उसे सपने आएंगे,
के मेरा भोजन कहां से आएगा?
रोटी का एक टुकड़ा देंदे,
या पानी दो बूंद सही ।
राम भी खुश होगा तब ,
अल्लाह भी दिया जलायेगा।-
ऊपरवाले तेरे से कोई शिकवा नहीं होता ,
अगर जिंदगी में एक बार
मजहब के झण्डों की जगह,
इंसानियत का झण्डा लहराता देख लेता।-
ऊपर वाले तेरे से एक विनती हैं,
इंसान को बनाते समय
अपना ध्यान कहीं और मत लगाना।
पुतलों में "इंसानियत" का SOFTWARE
Upload होने से पहले
पृथ्वी पर आने मत देना।-
दिल कैसे बने 'हाज़ी' , क़ुर्बत में 'करबला'
जब खामियाज़े में हो , 'ख़ामी' का ज़लज़ला-
इंसानियत कभी नहीं मरती,
मानव के अंदर का वो इंसान ही मर जाता हैं,
जो इंसानियत को कायम रखता हैं।-
कभी अनजान नहीं बना मैं,
पर दुनिया को ज्यादा जान नहीं पाया मैं।
पढ़ा तो मैंने भी बहुत कुछ था,
ज्यादा कुछ समझ नहीं पाया मैं।
"इंसानियत" का पुजारी था मैं,
इंसानों को परख नहीं पाया मैं।
अफसोस तो इसी बात का हैं,
इंसानों को परख नहीं पाया मैं।।-
न हम अच्छे न तुम अच्छे रहा कोई न अब अच्छा,
मगर अच्छा रहे हम-तुम अगर अच्छाइयाँ सीखें!-
ढलते सूरज-सा ढलता हूँ।
मैं ठोंकर-ठोंकर चलता हूँ।
मेरे गाँव भुलाए थे मैंने
ये शहर बनाए थे मैंने
पर आज इन्हीं शहरों से मैं
बेहाल बहुत निकलता हूँ।
मैं ठोंकर -ठोंकर चलता हूँ।।
मेरी बात करोगे एक - आधी
तुम शेर लिखोगे दो - चारी
तुम जानो क्या किस हाल में हूँ
किस आग में पग-पग जलता हूँ।
मैं ठोंकर -ठोंकर चलता हूँ।।-
समझ नहीं पाती मैं ये मंदिर , मस्जिद के झगड़ों को
क्या खुदा और भगवान भी लड़ते होंगे चंद जमीनों के टुकड़ों को???-
दौलत की चमक ये तेरी बीनाई न लूटे
गुज़रे जो मुद्दई कोई तो दरगुज़र न हो।-