तुम संपूर्ण देश की आशा हो ,
तुम प्रति प्रस्फुटित भविष्य की अभिलाषा हो।
तुम साहस ,सौहार्द का मापदंड हो ,
हे वीर !तुम्हारी आन समर्पण हो ।।
तुम हो ज्वाला हर अत्याचारों की,
तुम उपचार हर अबला के घावों की।
तुम हम बहनों की राखी हो ,
तुम तेज हो हर माँ के आहों की ।।
हे शौर्य ! तुम्हारा लक्ष्य समर्पण हो ।
हे वीर ! तुम्हारी आन समर्पण हो ।।
जो प्रहार किये हमपर वो तुम भूलो नही ,
विष कोई निज शब्दों में तुम घोलो नही ।
सिर जो उठ जाये उन्हें वहीं पर तुम काट डालो,
तुम्हारे भाइयों से किया अभद्र व्यवहार तुम भूलो नही ।
उनका कृत्य अक्षम्य है
तुम्हारे हर वाक्य में गर्जन हो ।
हे वीर ! तुम्हारी आन समर्पण हो ।।🇮🇳-
प्रेम सीख ले भरत से,
कर्म हनुमान और लक्ष्मण से सीख।
अहम महाज्ञानी को भी खा जाती,
रावण को देख के तू सीख।
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प्रेम सीख ले सीता से
कर्म उर्मिला से सीख,
जिद में नाक न खो देना,
सीख शूर्पणखा को देख।-
फूलों संग मुस्कातें हैं
गीतों संग झूम के गातें हैं ।
जो आन पर आये मातृभूमि की
तो दुश्मन पर अंगारे बरसातें हैं ।।-
खोजती हूँ जब आज भी लक्ष्य अपना
तेरी आन-सम्मान के सिवा मुझे कुछ सूझता नही-
हमारी आन
तिरंगा हमारा मान
हम सबका अभिमान
हमारा प्यारा हिन्दुस्तान-
मेरी चाहत है कि अमिट इसकी आन रहे ,
मैं जहाँ भी रहूँ , तिरंगा ही मेरी पहचान रहे ..-
सती पद्मिनी अमरत्व यूँ ही नहीं है जौहर।
धन धन भाग राजपुताना नित नव नौहर।।-
....🌹 गीत (राष्ट्र को समर्पित )🌹...
जय जय राष्ट्र महान जय जय राष्ट्र महान
देव मुकुट धरती का गौरव अपना हिंदुस्तान
जय जय राष्ट्र महान ....
उत्तर में हैं खड़ा हिमालय पाँव पखारे सागर
गंगा जमुना जैसी नदियाँ वरद हस्त सा अम्बर
राम -कृष्ण की हैं भूमि हम सबकी हैं शान
जय जय राष्ट्र महान ....
इसके आँगन भरी पडीं हैं संस्कृतियों की गाथा
इसके इतिहासों के सम्मुख खुद ही झुकता माथा
गौतम गाँधी की जननी है बलवीरों की शान
जय जय राष्ट्र महान ....
सब धर्मों के फूल हैं इसमें हैं एसा बागवान
हिंदू -मुस्लिम -सिख -ईसाई करते है प्रणाम
हम सब का है गौरव हम सब की हैं आन
जय जय राष्ट्र महान ....
(गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं )
🌹माधवी श्रीवास्तव🌹
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