QUOTES ON #अनसुनी

#अनसुनी quotes

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28 OCT 2019 AT 15:26

कुछ बातें अनकही सी, कुछ बातें खामोशी की,
तुमने कुछ कहा नहीं, या मैंने कुछ सुना नहीं!

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29 MAY 2021 AT 7:13

कभी मौन सी "मैं" कभी खनकता शोर हूं।
कभी दहकती शाम सी कभी सौम्य सी भोर हूं।

ओर बिखरती नही अब किसीके दूर जाने से भी
पहले की सी शक्ल में अब मैं कुछ ओर हूं।

बिगड़े हालातों में सम्भलना आने लगा है
हर दफ़ा ,हर दर्द को निगलना आने लगा है।

रो रो कर टूटती नही अब हर वक़्त
मैं गम की बारिशों में भी मुस्कुराता सा छोर हूं।❤

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18 AUG 2019 AT 2:48

वफ़ाओं का उसकी आलम तो देखो
बीच रास्ते से लौटा है वो हमसे,
नई मोहब्बत की खुशियाँ बाँटने...

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27 FEB 2017 AT 23:17

अभी उसके नाम के मेहँदी की खुशी के रंग उतरे ही नहीं थे उसकी हाथों से, उससे पहले उसके महबूब के मरहूम होने की खबर कारगिल से आई...

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14 JUN 2017 AT 21:06

कुछ अनसुनी बाते और सुन लु,
क्या पता तेरी असलियत के राज
और भी खुल जाए सामने।।

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30 MAY 2018 AT 0:41

!! जज़्बातों की कहानी !!

वो अपनी खुशी ढूंढ लेता है
दिन के नए सवेरों में,

तो वो अपना दुख छुपा लेती है
अपनी आँखों के काले घेरो में.

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3 JUN 2019 AT 1:11

मैं छुपा तो लूँ हर राज़ जमाने से,
पर बता तेरी नाराज़गी का क्या करूं...

मैं रख तो लूँ पर्दा हर एक शख़्श से शहर में,
पर बता मुझे ढूंढती तेरी नजरों का क्या करूं...

मैं देख तो लूँ वो ख्वाब जो बस पलकों पर आ रुका है,
पर बता तेरी याद में जगने वाली नींदों का क्या करूँ...

मैं जी तो लूँ ज़िन्दगी अपनी हर शाम... हर सहर...
पर बता तेरी फिक्र में सिसकने वाली रातों का क्या करूँ...

मैं चाह तो लूँ तुझे इन बेमतलब की रवायतों से बढ़कर,
पर बता हाथों में बसी बेपरवाह लकीरों का क्या करूँ...

मैं कर तो लूँ खुद को दूर तुझसे बामंजूर तेरे कहने पर,
पर बता तुझमें सिमटने वाली फिर इन सांसो का क्या करूँ...



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12 JUL 2017 AT 9:21

कही अनकही
सुनी अनसुनी
के बीच के क्षण
कल्पना और यथार्थ
के सीमा से परे
लेकर आता है
कई अनुत्तरित प्रश्नों
का जाल
जिसे हम बुनते है
खुद को फांसने के लिए....

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12 OCT 2017 AT 10:11

अनसुनी आवाज ही बन कर रह जाती हूं
बस इन आंखो से ही अब सब कह जाती हूं

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24 NOV 2020 AT 10:55

आवाज अनसुनी एक दिन मेरी भी सुनी जाएगी,
खुद पर फेंके जाने वाले पत्थरों से मैं नहीं घबराऊंगी।
उन्हीं पत्थरों से मैं अपने लिया का रास्ता बनाऊंगी,
अभी गुमनाम हो तो क्या कोई गम नहीं।
जिंदगी के धूप,छांव,हार,जीत के खेल में जीत कर मैं भी नाम कमाऊंगी,
मैं बेटी हूं एक दिन अपनी अनसुनी आवाज को सबको सुनाऊंगी।।

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