आप सभी भाईयों और बहनों और गुरु जनों को तहे दिल से शुक्रिया 🙏🙏 💐💐
आज पूरे 1000 पोस्ट मेंरे हो गयें ..🙈🙈
मेंरे शब्दो से आप के दिल पर अगर ठेस पहुंचा होगा तो माफ़ी चाहता हूँ!! 🙏🙏😊-
एक दिन एक बेसहारा , लाचार , इधर-उधर की ठोकरे खाता,
रोज़गार की तलाश में एक बेरोज़गार की आह! निकलती है,
मैं एक बेरोज़गार हूँ !
चल जाए न भर्तियों में घूस कहीं
घूसखोर भी तो है, दूर नहीं !
यही सोचता मैं, क्लांत ज़िन्दगी का एक बेरोज़गार
इधर - उधर भटकता हूँ !
अम्मा - बापू अभिलाषा में होंगे
अपने स्वप्नित चक्षुओं से टक - टकी लगाए होंगे !
यही धुन ही एक बेरोज़गार के ,
भरती मन में अप्रत्याशित विचलता है !
मुझसे मिलने को कौन है, चिंतित ?
सिवाय नीरसता, बेकसी, निर्धनता, पराधीनता आदि !
यही उत्पन्न करता लंपटता पैरों में ,
परिपूर्ण करता हृदय में व्यग्रता है !
क्योंकि कहीं घोटाला/घपला न हो जाए योजनाओं में ,
मैं भटकता हुआ इधर - उधर बेरोज़गार हूँ !
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चिताएं हमने उनकी जलती देखा है ,
जिनका कभी सोचा नहीं था ।
गर आज जल जाए हमारी चिता तो ,
ख़ुदा से कोई धोखा नहीं होगा ।।-
मनुष्य को सदैव दोगलेपन से बचना चाहिए क्योंकि एक मछली के सिर्फ जल में रहने से उसकी " कायरता " और जल के बाहर मृत्यु से उसकी " असमर्थता " दिखती है ।
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रिश्तों का चक्रव्यूह
और षड्यंत्र
प्रेम में पड़ने वाले इंसान को
अज्ञातवासी बना देता है
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