पहली दफ़ा जब मिले थे हम.....!!
क्या बताऊँ कितनी बेचैन थी ......मुलाकात के पहले.....
कितने सवाल उठ रहे थे.....❤दिल में.....
मेरे अंदर के सन्नाटे छेड़ रहे थे मुझे......
क्या बताऊँ कितनी बेचैन थी.......मुलाकात के पहले......
पहली दफ़ा जब मिले थे हम.......!!
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" पहली मुलाकात"
जब मैं तुमसे मिली
वो नज़ारा कुछ और था
जुगनू भरी रातों का इशारा कुछ और था
सारे शहर की खामोशी बस तेरे मेरे बीच आ थमी थी
चुपके चुपके उठती झुकती वो नजर
जाने कौन सा खेल खेला था
फिजाओं ने एक अनजान संग
यूं मुझको मोहब्बत के पहरे में घेरा था
तेज़ हवा, बिजली, अंधेरा
चांद की वो हल्की हल्की सी रोशनी
इन सब ने पहली मुलाकात का पहला इकरार किया था
कुछ यूं किसी के दिल को रूह से मिलाया था
बेतुकी बेबाक बातें करने वाले लब मेरे जाने क्यों खामोश थे
मानो एहसासों को इजाजत दी हो जुबां बनने को
अब सुबहोशाम दिल मदहोश है
इश्क में तेरे मुझको ना होश है
तलाशु हर पल मैं तुझमें खुद को ,कुछ ऐसा है तु
कोई ना जैसा ,वैसा है तु.....
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वो जब तुझे पहली बार देखा था,
उस दिन लगा, की उस गर्मी में भी, सारसों का सुनहरा फ़ूल खिल सकता है।।
उस सरसों के फूल की महक, आज भी मेरे दिल को भाती है ,
क्या इसीलिए तुम्हारी याद, मुझे इतना सताती है।।
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Pehli baar bechen hona
Kisi ke liye
Apne apko kho na
Hota hai aksar yeh mohabbat me
Kisi ke muskan se jina
Uske rone se rona
Haye .....🥰
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उसकी तस्वीर देखी, तो मालूम पड़ा
चांद क्यों हैं मुझसे रूठा हुआ
उसकी आंखो में जो नशा है
शायद इसलिए शराब हमसे खफा हैं
उसके च्चेेहरे की जो चमक है
सितारे लेते उससे सबक है
दिल से निकलती उसकी मुस्कुराहट है
सर्दी मे आती उससे गर्माहट है
मिलवाते है उससे ये वादा रहा हमारा
अभी खुदा हाफ़िज़, शुभरात्री, सायोनारा।।
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Log aakhri mulakat ki baatein karte hai ,
Yahan toh pehli mulakat bhi munaasib nahi hui☹☹-
पहली मुलाकाल मे हम उससे ऐसे मिले ।।
जैसै कोई सात जन्मो से बिछडे मिले ।।-
Har gunhegar ki dil waha pe dhadakta hai
Jaha usne gunha ki hai
Aur,
Har ashiq ke dil ki dhadkan sirf waha. pe tez hota hai
Jaha usne pehli bar mehboob ki rubaroo ki hai-