ग़म की बारिश ने भी तेरे नक़्श को धोया नहीं तू ने मुझ को खो दिया मैं ने तुझे खोया नहीं नींद का हल्का गुलाबी सा ख़ुमार आँखों में था यूँ लगा जैसे वो शब को देर तक सोया नहीं|
जो उनके साथ बीते हो वो तन्हा से लम्हे, धड़कती हुई कभी थमती हुई सांसे गूंजते शोर के बीच पसरा सन्नाटा, नम उम्मीदों से भरी आंखें उनके आखिरी मुलाकात का हिस्सा बन रही थी एक ऐसी आखिरी मुलाकात जिसका ख़्वाब तक उनकी आंखो ने नहीं देखा था।।