हे ! जगवंदन
गौरी नंदन,
नाथ गजानन
आ जाओ ।
शिव शंकर के
राज दुलारे,
आके दर्श
दिखा जाओ ।।-
22 AUG 2020 AT 9:22
17 AUG 2020 AT 22:32
सुखद अंत
वाली उन
प्रेम कहानियों
में
मुझे बनना है
तुम्हारी
अर्द्ध-लिखित कविता।-
13 AUG 2020 AT 19:36
फूलों के रंगों की
स्याही चुरा कर
ही तो
प्रेमिकाएं
लिखा करती हैं
अपने प्रेमी को
प्रेमपत्र
और फिर इन्हीं से
बनाया जाता है
जन्नत का प्रेमग्रंथ।-
17 MAR 2019 AT 14:34
आ कि मैं देख लूँ खोया हुआ चेहरा अपना
मुझ से छुप कर मिरी तस्वीर बनाने वाले
~अख़्तर सईद ख़ान-