तुम्हारे पैरों से चिपक जाए जो मिट्टी ,
असल में वही है मुल्तानी मिट्टी ।-
धरा पर अवत... read more
मैं श्वेता को जानता जरूर हूँ लेकिन सीरियसली
मैं वो वाला 'पंडित' नहीं हूं।
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तुम्हारे साथ जो बीता मेरा गुजरा हुआ कल था
और जो आनेवाला है उसे कल ना कहा जाए।
कहीं पहुंचे नहीं लेकिन खुदाया तेरी दुनिया में।
अहर्निश चल रहे हैं,गर इसे चलना कहा जाए।
कभी चेहरा कभी यादें हमेशा साथ में तुम हो।
गवारा है नहीं मुझको, मुझे तनहा कहा जाए।
सितम की इंतहा में भी लबों से आह ना निकले।
मुनासिब है कि ऐसे शख्स को गूंगा कहा जाए।-
बहुत ही शानदार लेखिका ,
उतनी ही शानदार पाठक
लगभग मेरे सारे पोस्ट्स पर
प्रतिक्रिया देने के लिए धन्यवाद ।
💕💕🙏❤️❤️-
खुश्बू आपके लेखन से आती है ।
क्या गजब लिखती हो आप !!!
धन्यवाद मेरे पोस्ट्स को सम्मान देने के लिए ।
💕💕❤️-
प्यार और तड़प की चासनी में
डुबोकर शायरी लिखने की कला में धनी है आप ।
मेरे पोस्ट्स को सम्मान देने के लिए धन्यवाद ।-
गुप्ता जी के क्या कहने ।
पहली बार मेरे पोस्ट पर
5 🌟🌟🌟 🌟 आप से मिला था ।
बहुत ही अच्छा लिखती है आप ।
मेरे लेखन को पढ़कर
उन्हें सम्मान देने के लिए शुक्रिया । 🙏🙏💕-
शब्दों के महारथी संतोष जी ।
लगभग सभी पोस्ट्स पर प्रतिक्रया देने
के लिए धन्यवाद 🙏🙏🙏-