तेरे लिए,
बिल्कुल नयी,
अनजान सी,
इक अजनबी।
खामोश सी,
पर बोलतीं,
मैं हूं तेरी,बस
"जिंदगी"!-
मैं तेरी शाम तू मेरा सूरज,
तुझ तक जो चालू मैं फिर एक रात की तरह गुज़र जाऊँ!-
गलती नहीं किसी की, किस्मत तो इक बहाना था.....
तुझे कहीं तो,
मुझे कहीं और अपना बेहतर किरदार निभाना था!-
Bichad gaya yeh saal....
Bichad gaya tera pyaar....
Bichad gaya tera o ehsaas....
Mehsus hua bohot dard
Par phir se ek baar bichad
Gaya aur ek saal.....-
लिखकर,
हम अपनी यादों को,
देते हैं,
एक खुबसूरत आकार,
जो सिर्फ हमें ही नहीं,
दुसरो को भी भाती है,
बस यही चीज,
हमें लिखने को ललचाती है।-
मेरे दिल में बसी, इक मूरत हो तुम।
मेरे धड़कनों की, ज़रुरत हो तुम।
तेरी तारीफ में, और क्या कहें हम,
मेरे ख्यालों की जैसी, खुबसूरत हो तुम।-
हर एहसास हर जज़्बात बड़ा बेमानी सा लगा..
जब उससे कहा कि तुम्हें कोई फ़र्क तो पड़ा नहीं
होगा, तब उसने कहा "नहीं"
फिर मैंने कहा कि सही कहा
तो उसने पलटकर कहा
कि "तो क्या करूँ" ?
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Once believe yourself if again and again you win....
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