कोशिश तो मैंने बहुत की,
समझदार बनने की,
मगर,
बच्चों के बीच रह के,
बचपना नहीं जाता।-
दिल की कुछ बातें हैं,जो आपसे कहना चाहता हूं।
मुझे ... read more
बारिश में,
पकौड़ियों की तरह,
कुरकुरी होती है,
छोटे बच्चों की बातें,
फ़ुरसत मिलें तो,
किया कीजिए।-
खुद को मिटाकर,
फिर गुलजार होना,
इतना मुश्किल भी नहीं है,
खुद से प्यार होना।
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तुम,
चाहे कुछ भी कर लो,
हम,
वजह तलाश ही लेंगे,
तुमसे,
प्रेम करने की।
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आजकल ,
भेज देती है बहनें,
डाक से राखियां,
भाई भी भेज देते हैं पैसे,
आनलाइन ही।
मगर जो मजा,
बहन की हाथ से,
मिठाई खाकर राखी बंधवाने में है,
वो मजा आनलाइन में कहां।
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हजारों ग़म,
मैं भूल जाऊं,
जो देखूं तुम्हें,
मुस्कुराते हुए,
तुम अच्छी हो,
अच्छा लगता है,
ये सबको,
बताते हुए।-
कभी कभी,
खुद के खिलाफ,
शिकायतें भी,
बहुत प्यारी लगती है,
बशर्ते वो सच में,
हमें सुधारने के लिए हो।
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मुझसे रुठने वाले लोग,
अक्सर प्यारे लगते हैं,
क्योंकि, उतने देर तक,
उनके दिलों दिमाग पर,
सिर्फ हम ही छाए रहते हैं,
जितनी देर तक वो,
रुठे रहते हैं हमसे।
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