आज फिर मेरा दिल रो पड़ा है,
पुराना ज़ख़्म कोई बोल उठा हैं..!!
आज फिर साँसे अटक रहीं हैं मेरी,
आज फिर किसी ने ज़हर दिया है..!!
फिर मेरे साथ कोई खेल पड़ा है,
छुपे जज्बातों को छेड़ दिया है..!!
आज फिर करीब आया है कोई,
आज फिर किसी ने ज़हर दिया है..!!
फिर मेरी रूह को नोच दिया है,
टूटे हुए दिल को और तोड़ दिया है..!!
ज़िस्म मेरा अब जवाब नहीं दे रहा,
आज फिर किसी ने ज़हर दिया है..!!
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