मुझे भी उससे हुआ था प्यार😍 दिल हो गया था बेकरार 😉 रात हो या दिन ख्वाब बुनती थी हजार😚 उससे मिलने का हमेशा रहता था इन्तजार 😊 क्योकि करते थे एक दूसरे से प्यार बेशुमार😘 होता था आँखो ही आँखो एहसासो का दीदार🤩 वक़्त बीतता गया बढ़ता गया हमारा प्यार😎 हो गई थी हमारी भी मोहब्बत की बुनियाद तैयार🤗 पर एक रोज हमारी मोहब्बत को नजर लग गई बेकार😒 अब daily बचाते थे गिरने से मीनार को खुमार🙃 दिल हो गया बहुत दुखी हमार 😞 और क्या बताऊँ अब छोड़ो भी ना यार😕 क्यों पूछ के करते हो मुझे फिर से बीमार 😉❤👈
ना जाने जिंदगी के कितने अभी इम्तिहान बाकी है.... हर रोज़ गुजरते हैं एक नये बवंडर से.... ना जाने आने अभी कितने और तुफान बाकी है।। डर लगता है अब किसी ख्वाब को देखने से भी पता नहीं अभी टूटने कितने अरमान बाकी है।। कैसे सामना करे इस जमाने का हंस कर अब रुह तो मर चुकी हो, जिस्म में सिर्फ़ जान बाकी है।।
कि तुम्हें इस दिल से खेलना पसंद है , तो जीतने का हुनर हम भी रखते है.......... हम आज हारे हैं तो क्या हुआ मेरी जान , अपनी मोहब्बत को पाने में नाकाम तो तुम भी लगते हो ........
एक छलावे भरी रात के आगोश में आकर खुद बेहया लिबास उतारने लगी, चढ़ते सूरज के साथ खो गया उस बिस्तर पर पड़ा -साथ उसका, इश्क पहचानने की इस समझ को वो समझ ना सकी, -हाय रे बेवफा मोहब्बत!! दुनिया चिल्लाने लगी...