आवाज़ दिया है फिर तुमको साथ चले उन कदमों ने। आज निहारा है तुमको आँखों के कुछ सपनों ने।। जीवन के हर पल में एक बस बिखरा रंग तुम्हारा था। दिल की उठती धड़कन में बजता संगीत तुम्हारा था।। ले लेना तुम सब कुछ चाहे। पर न लेना वो हक़ मेरा।। कोई नहीं है सिवा तुम्हारे। तेरी बाहें साहिल मेरा।। हाथ पकड़ लो फिर मेरा। जब साथ चलें हम हर पथ पर।। मैं भूल सभी कुछ बस कुछ पल। खो जाऊँ कहीं तुममें।। तुम मिलो अगर।।।।