QUOTES ON #WASEEM

#waseem quotes

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8 DEC 2021 AT 11:45

Great souls suffer in silence.

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13 JAN 2020 AT 20:06

क्या दुःख है, समंदर को बता भी नहीं सकता
आँसू की तरह आँख तक आ भी नहीं सकता

तू छोड़ रहा है, तो ख़ता इसमें तेरी क्या
हर शख़्स मेरा साथ, निभा भी नहीं सकता

प्यासे रहे जाते हैं जमाने के सवालात
किसके लिए ज़िन्दा हूँ, बता भी नहीं सकता

घर ढूँढ रहे हैं मेरा , रातों के पुजारी
मैं हूँ कि चराग़ों को बुझा भी नहीं सकता

वैसे तो एक आँसू ही बहा के मुझे ले जाए
ऐसे कोई तूफ़ान हिला भी नहीं सकता.
(वसीम बरेलवी साहब)

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वो और होंगे जिन'को उर्यानी पसंद हैं
हम'को तो हैदराबादी बिर्यानी पसंद है
😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊

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20 DEC 2019 AT 18:20

Brother a person who is there when you need him;
someone who picks you up when you fall;
a person who sticks up for you when no one else will;
a brother is always a friend.

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6 NOV 2019 AT 19:10

मुसीबतों में उभरती है शख़्सियत यारों.

जो पत्थरों से न उलझे , वो आईना क्या है.

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19 NOV 2019 AT 9:37

ये अलग बात है मुस्कुराता नहीं हूँ,
मैं सबके आगे टेंसुए बहाता नहीँ हूँ,

जो लिखा है तक़दीर मे वो मौला देगा,
मै हर चौखट पर सर झुकाता नहीं हूँ,

जानता हूँ एक चाँद छत से देख रहा है,
जमीं से प्यार है नज़रे उठाता नहीं हूँ,

सब पसंद करते है मेरी ग़ज़लों को बस,
मैं दाना देकर मछली फंसाता नहीं हूँ,

ना पूछा करो उसने क्यों छोड़ा वसीम,
मतला सुनो, मैं मख़्ता सुनाता नहीं हूँ|

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20 OCT 2020 AT 13:28

Bada Zehreela maazi hai humara...
Puraana zakhmm tazaa hi lage hai...

(Waseem Sayed)

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6 DEC 2020 AT 10:45

दुख अपना अगर हम को बताना नहीं आता
तुम को भी तो अंदाज़ा लगाना नहीं आता
पहुँचा है बुज़ुर्गों के बयानों से जो हम तक
क्या बात हुई क्यूँ वो ज़माना नहीं आता
मैं भी उसे खोने का हुनर सीख न पाया
उस को भी मुझे छोड़ के जाना नहीं आता
इस छोटे ज़माने के बड़े कैसे बनोगे
लोगों को जब आपस में लड़ाना नहीं आता
ढूँढे है तो पलकों पे चमकने के बहाने
आँसू को मिरी आँख में आना नहीं आता
तारीख़ की आँखों में धुआँ हो गए ख़ुद ही
तुम को तो कोई घर भी जलाना नहीं आता
waseem barelvi ..

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3 JUL 2020 AT 18:58

Jhoot ki bheed me sacchon ki tarha hota hai,
Aadmi Ishq me Bacchon ki tarha hota hai.

(Waseem Sayed)

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29 APR 2019 AT 22:16

तुम्हारे बाद होगा ये कि
हम फिर से समेट लेंगे
खुद को बिखरने से...
सजेंगे फिर इक नई अदा से
हंसेंगे फिर उसी लहजे में...
ख़्वाब फिर से बुनेंगे...
चाहेंगें किसी और को
फिर उसी सिद्दत से...
तुम्हारे बाद ...
होगा ये !!

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