QUOTES ON #VIOLANCE

#violance quotes

Trending | Latest
11 SEP 2024 AT 21:48

@Imphal, Manipur
violence coverage

-


25 FEB 2020 AT 22:49

चल आ तेरी औकात लिखती हूँ ,
तेरे बेवफाई की सौगात लिखती हूँ ,
तेरे चेहरे पे पहने हुए नकाब की दास्तान लिखती हूँ ,
चल आ तेरी औकात लिखती हूँ ,
तेरे अन्दर के जानवर के सारे करामात लिखती हूँ,
आ तेरी बेवफाई की सौगात लिखती हूँ,
ये जो मेरे बदन पे पड़े तेरी बेरहमी की निशान है;
इनकी कहानी सरेआम लिखती हूँ,
अपने मरते ,घुटते ,टूटते अरमनो की आवाज लिखती हूँ,
चल आ तेरी औकात लिखती हूँ....

-


11 JAN 2020 AT 21:14

Self Defence is in about being Violence it's about being focused and deciplines you can protect yourself in the once you Love.

-


16 FEB 2019 AT 13:48

इंसानियत यूँ ही नहीं घट चुकी है,
ज़रा देखो ये अब रंगों में बंट चुकी है,
कोई भगवा के लिए लड़ रहा
कोई हरे के लिए,
दोनों रंगों की इस लड़ाई ने
ना जाने कितने खून पिये ।
रंगों के इस द्वंद में इंसानियत
सिसक सिसक के रो रही है ,
इंसानियत ,भाईचारे , सुकून
हार रहे तुम्हारे इस लड़ाई में ,
और हक़ीकत में बस सफेद
और लाल रंग की जीत हो रही है ।

-


19 SEP 2017 AT 0:41

दर्द तो होता है पर अब आदत सी है,समाज ने बाँधा है रिश्ता,अब ज़ख्म रोज़ के खाना इबादत सी है।
#domesticviolance

-


10 JUN 2017 AT 22:19

बहुत नफ़रतें फैली हुई हैं मेरे शहर में।
तुम थोड़ी सी मोहब्बत देने आ जाओ।
हर कोई यहाँ सब धुंआ करने पर आमादा हैं।
तुम अपनी रोशनाई से उजाला करने आ जाओ।

-


7 MAY 2021 AT 17:05

राजनीती हमेशा से इंसानियत को दबे पाव कुचलती आ रही हैं।

-


19 MAY 2020 AT 15:18

" मर्द को दर्द नहीं होता "
और
" असली लड़के रोते नहीं हैं। "

यदि इन टैगलाइन के साथ एक लड़के की परवरिश की
जाएगी तो फिर यही समाज ये उसे कैसे उम्मीद
कर सकता है कि वह अपनी पत्नी पर हाथ उठाने से
पहले सोचें और उसके आंसुओं की कदर करे ?

क्योंकि दर्द और आॅसू क्या होते हैं।
वो महसूस करने वाला ' सिस्टम '
आपने ही उसमे बचपन में खत्म कर दिया था।

-


9 MAY 2020 AT 19:36

प्रचण्डकारी सा ध्वज-कटार ले गर करूँ संहार
तो हे धरती शायद मैं तुम पर कुछ उपकार करूँ!!

गर ले कलयुग में कल्की अवतार, मैं करूँ संहार,
हो तुम्हारे रक़्तों की धर्मदान तो रे मानव
मैं तुमपे परोपकार करूँ!!

तेरी कपटी इक्षा को मैं गर , गज बन कुचलूँ
तो मैं तेरा शुभ करूँ, कल्याण करूँ!!

गर तू स्वयं छोड़ इस वसुंधरा निकल जाए यमलोक को
रे मानव पश्चात मैं इस क्षिती की पुनः श्रृंगार करूँ!!

तेरी कुटिल सोच का मैं बलिदान कर
संत्रस्तों के वेदना का मैं संहार करूँ, कल्याण करूँ!!

-


13 MAR 2020 AT 22:39

जो साथ था वो अब छूट गया,जो बाकी है पहचान है,
जो घर था वो अब टूट गया,जो बाकी है निशान है,

यह बस्ती तो जल चुकी है ,अपनों की लगाई आग से
यह खंडहर जो खामोश है अब, बर्बादी के निशान हैं,

दीवारों पर जो लगे हुए थे अल्लाह राम साथ साथ
बिखरा पड़ा है रस्ते पर हिंदु मुस्लिम सामान है,

ना उस का ही घर बचा हुआ ,न मेरा घर महफूज़ है
ना मैंने किया ना उसने किया,घर सारे बस शमशान है ,

जो बरसों से थे एक साथ,हो ईद या हो फिर दीवाली
सियासत की लगाई आग से,सब लोग यहां अनजान हैं,

-