व्यर्थ उलझा रखी है जिदंगी
चलो थोड़ा इन धागो को सुलझाया जाए
पुरे साल किये कर्म बहुत
चलो इस पर्युषण पर्व में उनको धोया जाए
अहिंसा परमो धर्म को सिर्फ विचारो में नहीं
आचार में झलकया जाए......
चलो सच्चे अर्थो में जैन बना जाए.....-
हूँ मैं दोषी जानता हूँ
शायद क्षमा करने लायक ना हो ये भी मानता हूँ
लेकिन आज मैं अपने अंतर्मन से क्षमा माँगता हूँ
उत्तम क्षमा
सबसे क्षमा सबको क्षमा
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उत्तम क्षमा का यह पावन दिन फिर आया हैं,
गिले-शिकवे भुलाने को जैन धर्म यह लाया हैं।
जाने-अनजाने में हो जाती हैं बहुत गलतियाँ,
भूलवश हो सकता हैं किसी को कष्ट भी दिया।
गलतफहमी से हो जाती हैं मन में नफरत,
आओ चलो दूर करे इस पर्व में यह गफ़लत।
'क्षमा वीरस्य भूषणम्' हैं जैन धर्म का नारा,
जिसने ना जाने कितने लोगों का जीवन हैं संवारा।
क्षमा मांगकर अपनी भूलों को करो स्वीकार,
तभी तुम्हें जीवन में मिलेगी जय-जयकार।
क्षमा दान देकर होगी आत्मा भव-पार,
ना कर तू इस बात में जरा भी अहंकार।
🙏उत्तम क्षमा🙏
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विगत वर्षों मे मैंने मन से, वचन से, काय से
कृत - कारित - अनुमोदना से
किसी भी प्रकार की हानि पहुंचाई हो
हदयं को आधात पहुंचाया हो, तो
क्षमावाणी के इस पावनपर्व पर अंतरमन से पवित्रभावों से
क्षमा याचना करता हूँ
एवं
भावना भाता हूँ कि आप मुझे अवश्य ही क्षमा करेंगे
सबको क्षमा सबसे क्षमा
उत्तम क्षमा ! उत्तम क्षमा! उत्तम क्षमा!
“मिच्छामी दुक्कड़म"-
By my deeds,words or behaviour if i have hurt you and your feelings, then i bow down to you with folded hands for forgiveness with true feelings.
🙏UTTAM KSHAMA🙏
Regards:
Sawai Singhai Arjun Jain-
😄उत्तम क्षमा😄
जैन लड़की से शादी
करने का एक बड़ा
फायदा है..........
कम से कम साल
में एक बार तो
क्षमा मांगेगी।🙏-
पूरा साल एक ही चर्चा, गलती इसकी गलती उसकी क्यों मांगू मैं माफी
क्षमावाणी का पर्व बना है उत्तम क्षमा ही कहना काफी-
जाने अनजाने में
भूल से, नादानी में,
मेरे कहें गये शब्दों से
मेरे अनुचित व्यवहार से,
आपके मन को ठेस पहुँची हो ..,
इसके लिए मैं आप सभी से
मन वचन काय से क्षमा चाहती हूँ ।।
🙏 मिच्छामी दुक्क्डम् 🙏-
मैंने दिल जो दुखाया हो किसी का भी कभी,
अपराध है शायद ये भी माफी के लायक नहीं,
हाँथ दोनों ये जोड़कर के सविनय विराम देता हूँ
क्षमा का प्रार्थी हूँ दोषी हूँ आज खुद को लगाम देता हूँ
उत्तम क्षमा-
मन, वचन, काया से जानते हुए
अजान्ते हुए आपका दिल दुखाया होतो
आपसे उत्तम क्षमा
।। जय जिनेन्द्र ।।-