तुम को मेरी ना मुझको तुम्हारी खबर रहें !
वाजिब है अगर खामोशी तो खामोश ही रहें !-
21 AUG 2020 AT 15:54
14 JUL 2020 AT 11:31
ये से भरी राते अब मुझे रास नहीं आती,
जिंदगी बेहतर नहीं कम्बख़त मौत भी नहीं आती,-
15 JUL 2020 AT 8:34
ए जिंदगी तेरी रफ्तार कुछ इस कदर तेज थी।
कब महताब आफताब हुआ पता ही ना चला।-
18 JUL 2020 AT 7:25
ये बारिश की बूंदे भी शोर बहुत करती है !
मेरी तन्हाई को झिंझोड़ कर रख देती है !
जब भी गिरती तेरी याद बहुत आती है !
कतरे कतरे से बस आवाज तेरी आती है !-
19 JUL 2020 AT 12:07
तेरे हांथो से बनी ही चाय पीनी है मुझे
मेरा ये सर दर्द भी अजीब जिद कर बैठा है-