बिनकर कुछ चंद बोतलें वो कुछ पैसों का इंतेजाम करता है....
गरीब है वो साहब दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करता है....-
Look at yourself at mirror before
judging someone good or bad.-
एक बात बताओ कभी ऐसा हुआ है कि रात के अंधेरे में बैठकर आप अपनी जिंदगी के बारे में सोच रहे हो और आपको रोना आ जाए...
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चाहते हैं तुझे अपने कदमों में झुकाने की ए"मंजिल"
मगर तेरी बुलंदी इतनी ऊंची है थोड़ी देर तो लगेंगी।।-
हमारा नसीब उसके हाथ में है, जिसका अपना अता-पता नहीं।
आख़िर क्यूँ मर गए लाखों लोग, उसका नाम रटते-रटते??-
कुछ कम सा है ख्वाब मेरा आँखों मे फिर नम सा है
जैसे कुछ तलाश रही है ये आँखें बिखरी ख़्वाहिशों को संभाल रही है ये आँखे
बिना दरिया के ही कही डूब रही है ये आँखे
क्यो इतनी उम्मीदों से असमनो में देख रही है ये आँखे।-
Barbadi Ki Jagah Khul Gayi Hifazat Ki Jagah Band Hogayi...!
Mandir Masjid Khali Hogayi Sarab Ki Dukan Bhar Gayi...!
Hukumat Bhi Kya Khel Khel gayi Hai Hamare sath...!
Jeene Ki Wajah Cheen Kar Maut Ki Dawat Degayi...!✍️-
मन के तेख़ाने में कितने सवाल दफनाऊ
जवाब माँग रही है आत्मा कहा से जवाब लाऊँ।
वक़त की गिरह कहु या किस्मत को दोष लगाऊँ
इन सवालो के लिए भी अब क्या मैं ही दोषी कहलाऊँ।-
ए हमसफर! एक बात बताओ,
क्या तुम जिंदगी के हर सफर मे मेरे हमदर्द बन पाओगे,
क्या मेरी देखे हुए ख्वाब पूरे कर पाओगे?
मै हु ऊपर से थोड़ी कठोर,पर अंदर से नर्म
थोड़ी सी जिद्दी,थोड़ी सी गर्म
क्या मेरे इस व्यवहार को तुम झेल पाओगे?
ये नादान दिल हर रोज ख्वाब देखता है,
क्या तुम इन्हे सच कर पाओगे?
इन आँखों से छोटी सी बात पे ही आंसु आजाते है,
क्या तुम इन आसुओ की बूंदो को समझ पाओगे?
दिल की बातो का जुबाँ पे आने से पहले
तुम अपने जहन मे ला पाओगे?
क्या मेरी नादान गलतियों को
तुम हसकर टाल पाओगे?
ए हमसफर!
क्या तुम जिंदगी के आख़री सांस तक मेरा साथ निभा पाओगे?
जिंदगी के हर सफर मे मेरे हमदर्द बन पाओगे?-