वो अपने बनावटी तस्वीरों में मुस्कुराते देखना चाहते थे हमें ,,
हम फक्त अपनी सादगी को लेकर जा पहुंचे ।
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कुछ दिनों से फिर से महसूस होने लगें हो तुम,,
लगता है फिर से मुझे याद करने लगे हो तुम।
कि दिल तो अभी भी मेरा तुमपर ही अटका है,,
तकलीफ़ हैं बस इतनी, हमें छोड़कर गैरों के होने लगें हो तुम।।-
ख्वाहिशो को हकीकत की जमीं पर लाना है,,
हर दफा तकलीफों में भी मुस्कुराना है ।
की खुद ही खुद का हौसला बुलंद रखना है ,,
लाख हो कठिनाइयां अपनी मंजिल के रास्ते पर बढ़ते ही जाना है।।
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कहते हैं वो ग़ालिब हमें छोड़ने के बाद
तुझसे दूर जाने का अफसोस हमें पूरे जमाने रहेगा।-
ऐ वक्त ही तूं मुझसे थोड़ा रूठा हुआ है ,
कि मैं जो भी कहूं तुझसे सब झूठ हुआ है ।
वरना हौसले तो मेरे आज भी उतने ही बुलंद है,
न जाने क्यों फिर भी जमीं पर आसमा मेरा हाथ से छुटा हुआ है।।-
बहुत ज्यादा बोलना हमें आता नहीं है ,,
शायद यही बात उन्हें भाता नहीं है।।-
वो जिनके खुद के बर्ताव मेरे संग अजनबियों से है
वो सोचते हैं कि हम उन्हें अपनापन महसूस कराए।।-
यह जिंदगी भरी पड़ी है संभावनाओं से,,
अपेक्षा है तुझसे तू बाहर निकल अब पुरानी मान्यताओं से।।-
गीता में लिखा है कि अगर कोई चीज आपको नहीं मिलती है तो निराश मत होना क्योंकि शायद वह चीज आपकी किस्मत में ना हो लेकिन गीता में यह भी लिखा है कि अगर कोई चीज आपको मिलती है और आप उसे नहीं लेते हो तो शायद आप एक अच्छा अवसर खो रहे हो ।।
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