राज़ तुम दोनों के दिल की, मैं सबको आज बताता हूँ,
हो तुम दोनों शर्मिले प्रेमी, तुम्हारी शर्म भगाता हूँ!
तुम दोनों को कभी कहीं अकेले, आपस में मिलवाता हूँ!
फिर भी कह न सके दिल की, तो दो-दो थाप लगाता हूँ!!-
जब रोक देते है धरा और अम्बर को,
प्रेम के आशिक़ मरने और मिटने वाले।
कैसे जाने दे सकते है आपको जनाब,
आपसे चाह और आपको चाहने वाले
रूठने से मोहब्बत कभी कम नही होती,
रोक देंगे तेरे कदम आपको रोकने वाले।— % &-
दिल की छोटी-बड़ी ख्वाईश होती थीं पूरी बचपन में,
बहुत सारा प्यार होता था भाई-बहनों के अपनेपन में।
और बहुत ही आनंद आता था दोस्तों के साथ खेलने में,
पर अब तो सारा वक़्त ही निकल जाता है अकेलेपन में।-
इस दीपावली दीप जलाएंगे खुशियों के,
इस दीपावली पटाखे फोड़ेंगे मुस्कानों के,
इस दीपावली कपड़े पहनेंगे मानवता के,
इस दीपावली मिठाई बांटेंगे स्नेह और प्रेम की,
इस दीपावली दुआएं लेंगे अपनों और परायों की,
इस दीपावली पूजा करेंगे आस्था और विश्वास की,
इस दीपावली धन्यवाद कहेंगे कोरोना योद्धाओं को,
इस दीपावली रोशन करेंगे गरीबों के आशियानों को,
इस दीपावली खत्म करेंगे प्रदूषण के कारणों को,
इस दीपावली मास्क लगाकर निकलेंगे भीड़ में,
इस दीपावली बाल दिवस भी मनाएंगे साथ में,
इस दीपावली रहेंगे हम दो ग़ज की दूरी में,
आप सभी को दीपावली और बाल दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं,
और सभी लोग अपने परिवार के साथ सुरक्षित दीपावली मनाएं।-
खामोशी को तुम्हारी हम यूंही मिटा देंगे,
मोहब्बत नहीं पर दोस्त जरूर बना लेंगे।-
ठंडी हवा के साथ हो रही आज बारिश है,
लगता है ये सर्दी की ही कोई साजिश है।-
उसका तो मुस्कुराना भी एक कला है,
और इसी कला से उसने मुझे छला है।
वैसे तो मुझे उससे लेना चाहिए बदला,
पर उसे माफ करने में ही मेरा भला है।
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दिल तो बस उसी का साफ था,
जिसने मुझे कर दिया माफ था।
क्योंकि जिससे उम्मीद थी माफी की,
वो गलत न होने पर भी खिलाफ था।
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दुनिया में सबसे बड़ी ताकत है मासूमियत,
और सबसे बड़ी कमजोरी है दिखावा।-
यूं मुस्कुराकर पढ़ रहे हो मेरी लिखावट को,
लिखके डायरी में बढ़ा दूं इसकी सजावट को?
मेरे अल्फाजों को महज़ शब्द न समझो तुम,
इनमें पहचानो मेरे जज्बातों की मिलावट को।-