साहिल वर्मा  
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Joined 13 November 2020


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Joined 13 November 2020
31 JAN 2022 AT 19:47

फ़रवरी में प्यार के अफ़साने बनेंगे,
मगर हम अब प्यार से ही दूर रहेंगे।

लोग होंगे अपने चाहने वालों के साथ,
हम अपनी तन्हाई के नशे में चूर रहेंगे।

अब जाना है तो जाओ मैं नहीं रोकूंगा,
हम मग़रूर थे मग़रूर हैं मग़रूर रहेंगे।

जानते हैं मोहब्बत नहीं है नसीब में,
हम तो अब हसीनों से भी दूर रहेंगे।

बात तो करना चाहते हैं उनसे मगर,
बस दिल से मजबूर हैं मजबूर रहेंगे।

वेलेंटाइन वाले दिन सोचेंगे कुछ तो,
आएंगे मिलने पर नज़रों से दूर रहेंगे।

वो हमें जो ज़ी में आए समझें,
हम तो फ़कत उन्हें नूर कहेंगे।

★ साहिल/the.shore— % &

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27 JAN 2022 AT 19:17

जब उसने कहा कि तुमसे प्यार हो गया,
मैं उसी दिन से दिल का बीमार हो गया।
मगर जब देखा मैंने उसे ग़ैर की बांहों में,
मैं उसी दिन से कहीं पे तड़ीपार हो गया।

💔
साहिल/the.shore

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23 JAN 2022 AT 17:11

यूं तो और भी हसीनाएं हैं जहां में,
मगर तुम ही इक हसीन लगती हो।
दोस्त पैसा नसीब सब हक़ीक़त हैं,
मगर तुम भी इक यक़ीन लगती हो।

😍
साहिल/the.shore

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तुम सर का ताज हम तुम्हारे पैरों तले हैं,
तुम महलों की रानी हम सड़कों पर पले हैं;

कहां तुम कहां हम और कहां ये क़िस्मत,
तुम किसीकी दिलरुबा हम तुम्हारे दिलजले हैं।


साहिल/the.shore

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30 DEC 2021 AT 20:10

ये साल कब निकल गया पता ही नहीं चला,
मेरा हाल कब संभल गया पता ही नहीं चला;
और जो मौत का सवाल था जिंदगी में मेरी,
वो सवाल कब‌ बदल गया पता ही नहीं चला।

‽ साहिल/the.shore

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28 DEC 2021 AT 18:23

क़सम देकर काम निकालते हैं लोग,
उनके लिए खिलौना हूं मैं वास्ते का।

ठोकर देकर चले जाते हैं कुछ लोग,
उनके लिए तो पत्थर हूं मैं रास्ते का।

🗿साहिल/the.shore

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26 DEC 2021 AT 16:46

अगर कल मैं जिंदा ना रहूं,
तो तुम्हें मेरी कमी महसूस होगी!

ग़र मैं नज़र ना आऊं तुम्हें,
तो तुम्हारी आंखें जासूस होंगी!

ग़र ज़रा भी याद ना आए मेरी,
तो शायद मेरी यादें कंजूस होंगी!

ग़र मेरी बातें बुरी लगी हों तुम्हें,
तो ज़रूर मेरी बातें कारतूस होंगी!

ग़र मेरे मरने की ख़बर लग जाए,
तो ज़रूर ये दीवारें चापलूस होंगी!

🥀 साहिल/the.shore

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23 DEC 2021 AT 18:20

वो मोहब्बत से देखते हैं उन्हें
क्या हमको दिखाई नहीं देता‌!

दोनों नज़रों से बातें करते हैं
क्या हमको सुनाई नहीं देता!

हमसे नहीं उनसे मोहब्बत है उन्हें,
इस बात की कोई गवाही नहीं देता!

?
साहिल/the.shore

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12 DEC 2021 AT 18:29

सर्द में लिखते हुए हाथ कंपने लगे हैं,
साथ ही अल्फाज़ भी ठिठुरने लगे हैं।

और जो अब तक महफूज़ थे मुझसे,
वो राज़ भी अब देखो खुलने लगे हैं।

जिन लोगों को नाराज़गी थी मुझसे,
वो अब मुझसे मिलने-जुलने लगे हैं।

दीपावली की साफ सफाई के बाद,
शायद मेरे पाप भी अब धुलने लगे हैं।

मयख़ानों से मेरा कोई वास्ता नहीं,
फिर क्यूं कदम हिलने-डुलने लगे हैं।

दिल्लगी का मौसम आया है शायद,
वो मेरे अरमानों को कुचलने लगे हैं।

✍🏼 साहिल/the.shore

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जो मेरी ही परछाई है,
जिसके बिना बस तन्हाई है।
जो मेरे दर्द की दवाई है
जिसका प्यार मेरी कमाई है।
जो मेरे लिए बाबा-आई है,
जिसने मुझे दुनिया दिखाई है।
जो मेरे लिए सारी ख़ुदाई है,
जिसने मेरी शैतानी छुपाई है।
जो मेरे लिए सर्द में रजाई है,
जिसे मैंने दिल की बात बताई है।
जो मेरे लिए गर्मी में ठंडाई है,
जिससे मैंने हर बात मनवाई है।
वो शख्स कोई और नहीं,
सिर्फ और सिर्फ मेरा भाई है॥

साहिल/the.shore

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