"किसी को रोका तो suspend,
नहीं रोका तो suspend,
डर दिखाया तो suspend,
नहीं दिखाया तो suspend,
भूले से जो लिया सहारा तो suspend,
स्वयं ही कुछ कर डाला तो suspend,
भूखे रहकर भी फ़र्ज़ निभाया तो suspend,
जो घर को कदम बढ़ाया तो suspend,
स्वयं मदहोश होकर बस करो suspend,
मनोबल गिरा कर, उत्साह की उम्मीद ना करो,
बस जो भी मिले उसे करो suspend,
अधिकारियों की हाँ में, ना मिलाया हाँ तो suspend,
जो अपना पक्ष रख आया तो suspend,
बिन मांगे ये रखलो सलाह आज तो,
कर दो सारा ही महक़मा suspend,
अनुशासन दिखाने, करो suspend,
खुद की साख बचाने, करो suspend,
जो ज्यादा कुछ ना हो पाया, तो करो suspend,
ओहदा है जो पाया, तो करो suspend,
सच भी कब किसको भाया,
बस जब मन आया, करो suspend..!!"
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