मैं चुप रहूँ, तुम मुखर हो जाओ,
ये निर्णय तुम्हारा है..!!
जगा पुरूषार्थ वीर कहलाओ,
चाहे बन कृपापात्र, शीश नवाओ,
ये निर्णय तुम्हारा है..!!
यूं तो रहमत उसकी सब पर है,
पर ग्रहों को चाहे दोषी ठहराओ,
ये निर्णय तुम्हारा है..!!
हुआ सुलभ कुछ तो औरों से बढ़कर,
फिर भी कामियां ना भूल पाओ,
ये निर्णय तुम्हारा है..!!
यूं तो हो तुम बेहद ख़ास किसी के,
फिर भी जाना चाहो पास किसी के,
ये निर्णय तुम्हारा है..!!
चाहो तो अफवाहों पर लगाओ कयास,
या फिर कर दो पर्दाफाश,
ये निर्णय तुम्हारा है..!!
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