आज फिर सुबह की किरण आयी है....
रोज की तरह आज फिर सुबह की किरण आयी है,
पर आज लगता है जैसे कोई सपना साथ लायी है।
आज की सुबह में कुछ अलग सी बात है,
जैसे तन्हा होकर भी कोई मेरे साथ है।
यूँ लगता है जैसे कुछ कहना चाहती है ये सुबह,
पर ना जाने कौन सी बात है।।
ये जो हल्का सा शोर है इस सुबह की बातों में,
लगता है जैसे कोई कुछ कह रहा अपनी बातों में।
आसमान में जो पक्षियों की उड़ान है
उन्हें देखकर उड़ जाने को दिल करता है,
कुछ अलग सा कर जाने को दिल करता है।।
ये लो लिखते-लिखते कहीं खो सा गया हूँ मैं,
जैसे किसी के आने की दस्तक आयी है।
आज फिर सुबह की किरण आयी है,
जैसे कोई सपना साथ लायी है।।
-