पानी डाल कभी भगा दिया करते हो
आये जो दर पर तो डंडे बरसा दिया करते हो ।
जिनसे मिले है खुद तुम्हे जीने के साधन
तुम उन्हें ही भुख से तरसा दिया करते हो
मेरा सह्रदय निवेदन है आप सब से....
चलो अब कुछ नया करते है
जिनसे मिला है बचपन से प्यार हमें
उन बेजुबान पशुओं पर,
प्यार अपना बयाँ करते है......
Plz read the captio🙏-
स्त्री
हिचक-हिचक कर रोई थी,
मेहनत कर के वो सोई थी,
अपनों के लिए निर्मोही थी,
सबको खिला वो सिरोही थी।।
ऊंची अटारी में खोई थी,
सबके स्वप्न वो सजोई थी,
बेटी थी मां फिर जोई थी,
नर के होते भी वो लोई थी।।-
मोल-भाव की कला के महारथियों से एक प्रश्न
क्या कभी आपने अपने विवेक से ये सोंचा है
अपनी जेब में पड़े चंद पैसे बचाने के ख़ातिर,
आपने एक गरीब के मुँह का निवाला छीना है,
माल व फ़िक्स्ड प्राइस शॉप में बेहिचक उड़ाया है,
तो बचत का ठीकरा इन ठेलेवालों पे फोड़ दिखाया है,
सड़क पर भद्दर गर्मी, हाड़ कँपाने वाली सर्दी,
मूसलाधार वर्षा में अपनी मुफलिसी से जूझते
इन मज़बूर गरीबों पर अपनी कला का जौहर
बड़ी बेशर्मी से सीना फुलाकर आज़माया है
दो जून की रोटी कमाना जिनकी रोज़ की मशक्कत है,
उनके हालात पर क्या तुमको कभी तरस नहीं आया है,
अगर कभी आया है तो एक संकल्प आज ही लो
बस इन ठेले-व-रेड़ीवालों से चंद सिक्कों की ख़ातिर
मोल-भाव की कला को कुछ पल के लिए विराम दो 🙏
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Another chaiwala disappeared from the street.
This time GST was the evil.-
To wander in the lively streets
To listen to the countless sounds
To collect the fallen leaves and flowers
To hop at the tiny food stalls
To buy books, earrings and postcards
To share a smile with an unknown face
To dive in a myriad of vibrant colors
To feel much more than you hear or see
To shine and live the moment
And to create a world of
simple happiness-
The street to reach my destination is quite rugged but my resolution is strong enough to face every road filled with prongs and to achieve my aims.
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इसलिए की मैं तेरी गली से गुजरता हूं, "
तेरी खिड़की के पार नहीं देख सकता,
चारों दिशाओं में नजर बनाए रखता हूं, "
धड़कन बढ़ जाती है उस समय "
जब तेरे घर का दरवाजा खुला देखता हूं,
कोई देख ना ले आवारगी मेरी'
तुझे देखे बिना ही तेरी गली से गुजर जाता हूं।....
@....— % &-
एक सराय था
जहां हम एक गेंद के पीछे सब मित्र दौड़ते थे।
और याद रखें कि हम घंटों कैसे हंसते थे
वो दिन थे मेरे दोस्त,
हमने सोचा था कि वे कभी खत्म नहीं होंगे
हम हमेशा के लिए गाएंगे और नाचेंगे
हम लड़ेंगे और कभी नहीं हारेंगे
क्योंकि हम यहां नहीं थे।— % &-
While wandering on the streets
alone,
like a dry leaf,
that take its step in the direction
in which wind has flown.
I feel like same,
don't know when a gust of strong wind
will come, and take me far away.
I may hope only, it choose for me
a right way.
These streets may, one day
will discover
Its wander
on the same way.
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जो कुछ भी हमने ठाना हैं..
उसको पूरा करके दिखाना हैं..
गर न मिली राहे तो..
खुद अपनी राह बनाना हैं..!!-