बचपन मे जैसे किया करते थे ,
एसे ही अपना बना लिया ,
एक टोफी के दो टुकड़े करके,
जब तुम मिलोगे तो बताएंगे।
जेब मे होते हुए भी पेन ,
हर रोज तुम से ही ,
पेन मांगा करते थे,
जब तुम मिलोगे तो बताएंगे।
दिल मे तो तुम ही थे,
सिर्फ जलाने के लिए,
जिक्र किसी और का करते थे,
जब तुम मिलोगे तो बताएंगे।
उस दिन रूठे थे तुमसे,
ओर दुर भी भाग रहे थे,
सता नही रहे आँसु छुपा रहे थे
जब तुम मिलोगे तो बताएंगे।
बड़े जातिवादी थे,
जब से तुझसे मिले,
सब भुल गए हम,
जब तुम मिलोगे तो बताएंगे।
हर रोज एक ही जगह ठहरे,
फितरत न थी ऐसी,
और अब वही ढूंढते है तुझको,
जब तुम मिलोगे तो बताएंगे।
तुने औकात मे रहने को कहा,
औकात एक छोटी चीज है,
हम उसे नही रखते,
जब तुम मिलोगे तो बताएंगे।
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