If you treat both Day & Night alike...
Always Work hard n right and fight against night...
Then one day you'll spread storm like Sprite...
And sure will be brand like Nike...-
,
Like the moon knows the earth.
Like it know, when earth gets covered
with the darkness and it needs light.
When earth have the brightness and it's
'its' time to get out of the sight.
Like the moon that know,
the dark secrets of the earth
that aren't visible in the bright day-light.
Like it know, when earth has got too
much of the heat and it's 'its' time to
calm and relax, in the lap of a sprite.
I know you,
like that 'moon' knows this 'earth',
not that sunlight.-
कैसे तुम आवाज को रोकोगे
कैसे तुम जज्बात को रोकोगे
कैसे तुम यथार्थ के अर्थ को
कैसे बहते पुल के पानी को,
अंधेरे के पीछे है अंधेरा
सन्नाटा के पीछे है सन्नाटा
कैसे तुम वर्त्तमान को देखोगे
कैसे तुम इन सायों को रोकोगे,
तमाम शब्द बेला में टकराते
बादल की गर्जन राग बदलते
तुम कहीं खो चुके आधुनिकता में
तेरा सामाजिक होना तुम्हें निमंत्रण दे रहा,
इतिहास की परत देखी
साथ देखा परिणती भी
जो आग है वह कम बतायी गयी थी
कैसे तुम इसे रोकोगे,
शापित लोकतंत्र नहीं है
तुम कीचड़ से सने हुए
अस्तित्वाद का दीमक तेरा घेरा
तू किसे चाटता फिर रहा है ... ।
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Too hot here
Come let's have coke
I like sprite
Sidhi baat no bakwas...-
तेरी खिचड़ी तो पक गयी
तेरा मुर्गा आग में पक गया
औखली से दिमागवाले
तेरा मसाला भी कूट गया
अब आमतंत्र नहीं देगे
तो सत्ता बदल जाएगी
सेब सेब की प्रजाति को जानता है
तुम लक्कड़बघ्घे क्या चिपके हो संग ऐसे
क्या तेरा अपराधबोध क्या कोई नहीं जानता
तुम आम आदमी का हवाला देते हो
क्यों परिभाषा तू बदल रहा
जानता हूँ तू ना मिलेगा ना कहेगा
फिर भी इच्छाधारी दंश भरता है
मानता हूँ जिंदगी बेबस है लाचार
तू विज्ञान के सहारे पूरी जमीं चलेगा
कहा ठहरो ,तुम ठहरो
मेरी कुछ बातों का उत्तर दो
आखिर यह सब कब तक चलेगा
लोरियाँ अच्छी बनायी आपने कुछ विज्ञापन
और लोगों से अच्छे दाम बेचा जाएगा
स्वपन तेरा सवाल नहीं है
सवाल यह भी नहीं तू चाटूकार है
तुम यूँ लड़ नहीं सकते
आखिर सबका सबका ईमान है
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ये हलचल क्यों है जमीं पर
वायदे क्या मुकर गये है
तबीयत बिगड़ी है इलेक्शन की
तब से इनजेक्शन ले खड़े है ,
तेरे फितरतवाले तुम्हें चाहते
प्रकाश और अमावश्या चाहनेवाले तुम्हें चाहते
वो बलाँ है या कल्पना
पोस्टरों की चारदीवार तुम्हें पहचानते है ,
खरीदफरोख छोड़ो इन बिहड़ो में रखा क्या है ?
नोटों में गाँधी के सिवा बचा क्या है ?
नवीन भारत के सपने सभी देखते है
लेकिन बचा क्या है,?
बहुत हो गई लोरि वाली कविता
तेरा कोई संस्कार न बचा है
रंग बदलते खरबूजे की कोई औकात नहीं है
तुम अजीज बनते हो तेरी कोई पोशाक नहीं है ।
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कवि अधिक जीता है
कवि एक स्तर आगे की सोचता है
जानवर जानवर को तैयार करता
नहीं पाता तो चिल्लाता है
घृणा क्रोध आलस्य उपजाते कौन
वही जो माँद में अक्सर छुप जाते है
अपनी हवस का रोना कौन रोता है
वही जो फ्रायड के सिद्धांत समझ बैठे जाते है
मौन भी चकित कर देता है
मूर्ख ही सवाल और जवाब भी देता है
तेरा यर्थाथ चित्रण समय के करीब
सुना है तुम्हें पोलिटिक्स करने में रास आता है
तेरे बाप नाना दादा का बंदूक खड़ा रहता है
छोड़िए गु गु गु गु करना
आप अपने पैसे से कुछ खरीद ही नहीं सकते है
नहीं तो पार्टियाँ यहाँ होती
तब में मुलाजिम को देख सकता था
चलो तबीयत अच्छा है
जायका का असर रहेगा
सोच रहा हूँ तेरे हवस में बारूद भर दूँ
पूरा मुल्क कह रहा है
राम नाम सत्य होगा
तब भारत का पुर्नउधार होगा (व्यंग्य)
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आपको क्या लगता हैं
जिंदगी कोई Sprite की बोतल हैं??
जिसे खोला पिया और कहे दिया
सीधी बात नो बकवास
अरे जिंदगी तो एक rasna की पुड़िया है
काटो घोलो और पियो
जितना धुलेगी उतनी मज़ा आएगी जीने में
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