🥺🥺सौरभ राजपूत 🌹🌹
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किसी के लिए भी खुली किताब मत बनो,,,
Timepass का दौर है पढ़कर फेंक दिए जाओगे...!-
दोस्ती
कभी ख़ास लोगों से नहीं होती
जिनसे हो जाती है वहीं लोग खास बन जाते है
💞 Roshni Sourabh💞-
नहीं हो रहा अब सबर, कब से घर में बैठेहैं,
कभी इस तरफ ,कभी उस तरफ करवट करके लैटे है।
हार गए गये क्या इस कोरोना से,तुम भारत वासी होके।
अरे हम तो अपनी बाजुओं मे फोलाद लिये रहते है।
लोहा लेगे हम कोरोना से, हम प्रतिशोध दिखायेगें।
दिपोत्सव के जैसे, भारत को सजायेगे।
बहरा कर इस कोरोना को, अजांम तक पहुंचाऐगें।
फिर ही हम भारत में, अखंड ज्योत जलाऐगें।
अरे गांधी का वतन है, भारत मेरा देश हैं।
प्रतिज्ञा करते सब बचपन में, अभी जरुरत तभी हमें खेद हैं।
अरे बस घर रूकने की, कुछ समय की बात है।
फिर मेरा देश भारत, फिर से आजाद है।
यार ये लोकडाउन तो,कुछ दिन का ठहराव हैं।
घर रहो कहती सरकार, बस यही इसका इलाज है।
साथ दे हम मोदी का,जो रथ पर सवार है।
इस महाभारत के दौर में जो , जिस पर जनता का विश्वास हैं।
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तस्वीरे लेना भी
आवश्यक है जनाब
वरना बीते हुए लम्हे महज
धुँधली कहानी बनकर रह जाते है-
मेरी ज़िन्दगी के इस सफर में पहला क़दम हो तुम ...
मेरी शायरी का पहला अल्फ़ाज़ हो तुम ...
सेहर का आफताब हाज़िर हो न हो ..
मेरी हर सेहर की रोशनी हो तुम ..
मेरे लिए खुदा की इनायत और अपनों की दुआ हो तुम ...
मेरी साँसों की वजह और मेरे दिल के शहज़ादे हो तुम ..
भूल गए अगर हम मुस्कुराना ,
ख़्वाहिदा दुनिया में हमें ले जाना ...
हो सके तो मेरे लिए ,
दुनिया की हर ख़ुशी चुरा लेना ....
चाँद तारे न सही सेहर में एक फूल तोड़ लेना...
मेरी बेचैनी सी ज़िन्दगी में सुकून हो तुम ..
मेरे लिए मेरे रूह से ज़्यादा हो तुम ..
शायद मेरे ज़िन्दगी का इंतज़ार हो तुम ...-
Dil puchna to chaha hr bar..
Kbhi puch nhi paya...
Ishq tha tum se bepnha..
Tumhe khone ke dr se ubr nhi paya...-
बारिश की पहली बून्द में चेहरा तेरा दिखा ,
दिल की खाली जमी पर नाम तेरा लिखा !!-
How adorable shall be the moment when you'll silently be there behind me...
And me..trying to figure out who's there..not even having a single clue of your presence..!!!
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