बह्र-- 2122 1212 22
इश्क़ है मुझको इसकी राहत से
शायरी कर रही हूँ मुद्दत से।
याद आते हो हर घड़ी मुझको
दिल तड़पता रहा ये शिद्दत से।
सोचकर तुझको कहती हूँ जो शे'र
देखती है ग़ज़ल भी हैरत से।
तुम कभी शाम को चले जाओ
बैठ जाते हैं हम भी फुर्सत से।
हाल मेरा भी तुझ से मिलता है
हूँ मैं अनजान अपनी हालत से।
ठेस लग जाये ऐसा मत बोलो
तुम हो वाकिफ़ "रिया" की आदत से।-
Meri kahaani me bhi Vasl ka daur aayega
Dekh lena...
Vada koi or karega milne koi or aayega
Dekh lena...
Meri kahaani me bhi Vasl ka daur aayega-
Puzzle...लफ़्ज़ सुना है कहीं
हाँ उसी एक लफ़्ज़ की तरह थी कहानी मेरी...-
वो किस्सा तो मैंने खत्म कर दिया कबका
मगर उस कहानी से मैं कभी बाहर ना आ सका...-
एक अजीब सा Joker बन गया हूँ
जो ना तेरा हो सका,
ना ही Circus का...-
मंजिल की तलाश में ये सफ़र मेरा अंधेरों की तरफ मुड़ गया है
मिटा कर नाम तेरा मेरे नाम के पीछे सैंतालीस जुड़ गया है...
#AK47-
Tumhare pyaar ki shiddat mein na jane kaisa mukkaml chah tha.....
jiske liye humne khud ko dunia k har bandhan se azaad kia...Ab mano aisa lgta hai jaise.....
Jism to mera per rooh tumhari....
Lafz mere per alfaaz tumhare....
Khud ki ho kar bhi khud ki na rahi main mano meri rooh ka vajood hi tum ho.....
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जिंदगी को उसने मेरी मौत से बदतर बना दिया
मौत ने मिलने से पहले मुझे 'Defaulter' बना दिया...-