“ भरोसा है मुझे...
अपनी नयी सफर पर!
अपनी खुदा पर!
कभी तो पहुंचना है!
अपनी ख्वाबों की मंज़िल पर!
और चाहे मुझे कितनी भी
इम्तिहानों का सामना करना पड़े...
अगर किस्मत को मंज़ूर है!
तो मैं भी पहुँच पाऊँगी!
अपनी ख्वाबों की दुनिया में!
वैसे तोह लोग कहते है कि
“ कामयाबी का सफर
बहुत लम्बी होती है...”
फिर भी, मैं उस लंबी सफर को
अपनी ज़िन्दगी की ख़ूबसूरत याद
बनाना चाहती हूँ...
कितनी भी मुश्किल क्यों न हो!
जब मैं अपनी मंज़िल पर
पहुँच जाऊँगी...
तब उन रास्तों को भी,
अपनी खूबसूरत यादों में
शामिल करना चाहती हूँ...”
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