इंतजार मुझे तुम्हारा आज फिर करना है
आज फिर मुझे रात भर जगना है...
यूँ तो नींद आंखों तक आ ही गई थी
पर तेरी पायल की आहट ने उनसे दूरी कर ली
और रहा सवाल तुम्हारे आने का
तब तक हमने तकिए से ही बात कर ली
पलकों को भी तुम्हारी राह तकना है
इंतजार....जगना है...1
सजा रखा है पूरा कमरा मैंने
तुम्हारी तस्वीर और यादों से
अब इसमें जगह खाली ना है
और हां रहा सवाल किताबों का मेरी
तो उनमें लिखा तुम्हारा हर लम्हा है
अब इन्हें ही मुझे पढ़ते रहना है
इंतजार...जगना है...2
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