नींद पलकों पे बैठी
तकती है सारी सारी रात
आंखों में जलते सपनों का मंज़र,
आंखों से उठते धुएं से ख्वाब ।-
मेरी शायरी मुझे लिखती हैं,
अब ये दुनिया मुझे,
पारुल शायरा नाम से जानने लगी हैं|-
इश्क़ के मरीज़ तो यहाँ हर कोई है,
अगर बीमारी अधूरा इश्क़ है तो,
इलाज भी इश्क़ और शायरी ही है|-
मेरी ज़िंदगी में कोई किसी भी किरदार में आए
बस दुआ है मुझसे मिलने के बाद
वो मेरा हो के रह जाए-
जानते हो 💁मोहतरमा💅 एक दिन हमसे पुछ बैठी ,
की जिस्म,रूह या इश्क???
हमने भी कह दिया :
जिस्म: 😡अगर जिस्म से ही रिश्ता जोडना होता, तो कोठे पर जाते हम,यूं मुहब्बत ना करते।
रूह: 😭"रूह निकले तो, कुछ सुकूंँ आए, मेरा होना बवाल लगता है अब!" और हा "बिछडना है तो सुनो रूह से निकल जाओ, रही बात दिल की तो उसे मै देख लूंगा"
💞सच बताउ तो...
इश्क:
तेरी हसरतों के पंख लगा के उड़ता हूँ…
मैं हवा से शर्तं लगा के उड़ता हूँ!
😟😇❤तुझे देखे बिना तेरी तस्वीर बना दूँ,
तुझे मिले बिना तेरा हाल बता दूँ,
मेरे इश्क में इतना दम है कि,
तेरी आँखों के आँसू अपनी आँखों से गिरा दूँ।
💔💔💔 ❤
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