शक़ एक ऐसी बीमारी है
Sahab....
जो इंसान का सुकून ख़त्म कर देती है-
"काश" बिछड़ते वक़्त मैंने उसका हाथ थाम लिया होता,
"शक" करने के बजाए एक दफा उसे गले लगा लिया होता!!-
mere kirdaar pe Agr shakk h apko
Toh mujhse door jaane ka poora Hak h apko..-
आचरण की थाली में तुमने शक को परोसा है
झूठ लेकर आँखों में कह दिया बड़ी आसानी से
कि हमें तुम पे भरोसा है...।
चुभती है वो नज़र
जो पैनी निगाहों से
देती मेरे अस्तित्व पर पहरा है..।
ज़ुबा से सुनना है सच तुम्हें
उसी सच को तुमने
शक से किया मटमैला है..।
रिश्ता जो पाक था
आज टूटने की दहलीज पे खड़ा है...।
पूछते जो सामने से
तो मिलता तेरी सच्चाई का परिचय हमें भी
यूँ कतरा कतरा रिश्ता होता अधूरा है...।
दम तोड़ती कोने में आँसूओं में बहकर
विश्वास न वो अब गहरा है।।-
Pehli baar mohabbat ki hu tujhse...
Ye jan liya kar...
Shak toh puri duniya karta hai meri jaan..!!
Tu apna hakk jataya kar.. ❤-
Us mohabat ki kya manjil hogi
Jaha vo apne shakk ko badte
Ja rhe h
Hum us shakk ki khai ho apne
Pyar se bhar rhe h aur
Vo us khai ko aur khodte ja rhe h....
-
इश्क़ किजिए जनाब......
पर जरा संभल के !
सूना है...... यहाँ इश्क़ के नाम पर,
दिलों की सौदेबाज़ी हुआ करती है !-
Ak bar shak ka beej
Kisi riste m bo jaye
Fir vo badhta hi hai
Ghatta nahi-
इख़लास लाज़िम है
रिश्ते निभाने के लिए
बदगुमानी तसव्वुर में भी हो
तो रिश्ते तोड़ दिया करती है
-