भारत एक ऐसा देश है
जहाँ कोई सरकारी स्कूल पे पढ़ना तो नही चाहता
पर सरकारी स्कूल मे पढ़ना जरूर चाहता है।।-
अब सरकारी विद्यालयों में
सुधार होना, संभव है,
नवनियुक्त अध्यापकों के आने से,
विद्यालयों का कायाकल्प,
होना अब संभव है....-
मैं सरकारी में पढ़ा बालक हूं,
तुम CBSC की जान प्रिए।
मैं बासी अख़बार सा Useless हूं ,
तुम NCERT का ज्ञान प्रिए।-
एक समय,
जद सवेर की प्रार्थना समय माथे पै पसीना चमकै था,
दोनूं हाथ जोड़, आँख बन्द कर कै,
आपां सारे भगवान का नाम लेवै थे,
म्हारे गुरु, हम नै छोटी-बड़ी चीजां पै झिड़क देवै थे,
अर हम नै पेड़ तै आते हवा के झोंके,
गर्मी तै सुख देवै थे।
आज,
जद दोस्तां गैल्या खड़ा इस कै आगे दुबारा,
एक विचार आया कि माथा टेक देवां,
जो पुराणे दिन थे अपणे सारे के,
उनकी याद म्ह मन थोड़ा भावुक हो लिया,
आपां देखै, हम के थे अर के होंगे,
विश्वास ना होया, जद उँगलियाँ पै गिना समय,
यहाँ तै निकले हम नै कितना हो लिया।
(कैप्शन)-
सरकारी स्कूल में पढ़ा , तुम CBSE की क्वीन प्रिये ,
तुम सुनती गीत शकीरा के , मैं भोजपुरी में लीन प्रिये !-
SARKARI SCHOOL
The name itself is sufficient to know the exact situation.
classrooms are like some kind of horror movies set.
if government pay a little to teachers and spend it in maintenance, the situation would be much better.
and the teachers not all of them but many, knows nothing but how to waste time and future(FU-TU-RE in their language) of kids. knowledge to them is just a myth.
its very sad that private school teachers getting 10% of government teachers salary r doing their job much better . but their situation is just the same of government school.
i can just request everyone do any job but don't become teacher if u r not that eligible cause someone's future depends on u. please think wisely.
plz dont get offended. its just a thought what i saw today. may be in your place situation is different.
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मैं था सरकारी स्कूल का छात्र
तु थी CBSC की टॉपर प्रिये
संगम होता भी तो कैसे ।-
कोई सरकारी स्कूल से है तो बताओ मुझे।
पता नही क्यों CBSE वाले से अपना नही बनता!!-
तुम हंसो तो लगती ये दुनिया बड़ी प्यारी है...
तुम्हारे लिए की हुई हर जंग मेरी जिम्मेदारी है...
वो क्या ही जाने पुर सुकुन - ए - मोहब्बत को...
जो सब देकर भी कुछ न हासिल हो फिर भी लगे पड़े हो...
उनके वजूद को तराशकर कुछ नया सिखाने की
एक नई तैयारी में....
#सरकारी मास्टर-
की वो लड़की थी। प्राइवेट की और
मै लड़का था, सरकारी का।
उसे शौक़ था। क्लास में टॉप आने का, और
अपना टैग था। उसके मोहल्ले में, आवारागर्दी का।
वो स्कूल भी जाती अकेले
अपनी साईकिल पर थी। और
अपना तो पैदल दोस्तों के बिना
एक कदम भी चलना मुश्किल था।
उसको तो स्कूल में टिफिन और पानी की बोतल
रोज नई नई लानी थी। और
अपनी तो दोस्तों का झुंठा पानी पीने की
आदत ही पुरानी थीं।
वो लड़की थी। प्राइवेट की और
मै लड़का था, सरकारी का। #Nitesh-