मैं जो देख्या करदा,
मैं जिस नशे म्ह रह्या करदा,
दिन बीत जावै था,
एक अपणे मन तै,
जीवन तै,
मैं सुन्न रह्या करदा।
कि एक मन म्ह चीस उठ्या करदी,
एक प्यारी गैल्या बतलाण की।
(कैप्शन)-
Rohtak, Haryana.
12-15 घण्टे के
इस चलते होए दिन म्ह,
जरूरत ही के सै।
सवेर नै निकल जाना काम पै,
दुपहरी म्ह तो-तीन रोटी खा लेणी,
बचे टेम म्ह थोड़ी देर,
आती-जाती दुनिया देखणी,
शाम लग वापिस आणा,
नु दिन लग जावै सै।
(कैप्शन)-
इब, जद थोड़ी सी रोशनी होई,
तो ही नजर आया सब किमी,
अपणा कोई ना सै भाई।
सब नै मतलब बरत लेण तै,
मखा म्हारी सुन, बाद म्ह पीण तै,
इन्हीं दो क्रिया नै भाईचारा डाट राख्या,
इन्हीं दो नै माणस उजाड़ राख्या।
(कैप्शन)-
मनै जीवन अपणी शर्त पै चाहिए था।
अर इसी जिद के फेर म्ह,
किती का ना रह्या,
कमियां नै नु निचोड़ा,
जीवन म्ह रस ना रह्या।
इब एक घणी भारी चुप्पी,
दिल पै सवार रह्या करै,
ना तो जी मेरा भी भतेरा करै,
पर इब और दुख तै दिल डरै सै।
(कैप्शन)-
ये सब लेखे उम्र के,
जद भी सोच्या कि
इब तो अपणा कुछ होवैगा,
कनै ना, दूर ही सही,
एक अपणा भी होवैगा।
बेरा ना,
मजाक सै, या किस्मत ही इसी सै,
बारम्बार, दिल टूटता ही जावै सै।
(कैप्शन)-
मैं ना चाहूँ था इसा कुछ होवै।
चाँद जणु अपणी बात घटती जावै,
एक टेम इसा भी होवै,
आपां अजनबी हो जावै,
दोनुआ नै एक-दूजे का सार ना पावै।
(कैप्शन)-
जे मैं कहता,
तो नु कहता,
आधा आप नै करणा,
आधे नै मैं कर लूं।
अर जे किसे दिन,
एक खातर घणा होवै,
तो उस दिन,
दूसरा किमी घणा करैगा।
(Caption)-
तेरी मेरी के चक्कर म्ह,
मखा अपणा के ही रह्या?
तनै ले लिए रास्ते अपणे,
मनै भी किनारे हो
सब किमी देख लिया।
(कैप्शन)-
जद सुण्या तेरे ब्याह बारे,
माना तेरी खातर वो बण्या,
अर मनै सोच्या,
मेरी खातर कुण सै?
(कैप्शन)-
ना कोई बोल्या,
ना बुलाया,
एक समय बाद
मैं घर नै मुड़ आया।
घर,
जित हर कुणे म्ह चुप्पी सै।
इत आए भी,
के-कुछ ही बदलाव पाया?
(कैप्शन)-