Kuch is kadar mohabbat krni h........tmhre god me sar rkh kar jaan puri jindgi baat krni h
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पेशानी से कब हुए हैं
ये दिल से होते हैं
सर झुकाने भर से
सजदे नही होतें ।-
बड़े भोले हैं वो नहीं जानते हैं
कहा सबका दिल से मानते हैं।
बड़े ख़ामोश होकर देखते हैं
मगर सच झूठ को पहचानते हैं।
बड़े सस्ते में लूटा सबने उनको
अपनी कीमत वो नहीं जानते हैं।
सर पे आती बला टल जाती है
जो बुजुर्गों का कहा मानते हैं।
झूठ कितना भी सर पटक ले
जीतता सच है सब जानते हैं।
ग़ज़ल गर लड़खड़ाती है"रिया"
शेर फिर उसको सम्भालते हैं।-
सर झुकाओ नहीं तो सर लगता है ,
ऐ आसमान , तुझसे डर लगता है ।
Ankit Raj Mishra-
sar paTakata hoo'n mai'n apna band darwaazo'n ke saath
dard har dastak me shamil zaKHm bhar mera bhi hai
سر پٹکاتا ہوں میں اپنا بند دروازوں کے ساتھ
درد ہر دستک میں شامل زخم بھر میرا بھی ہی-
औरत के सर पर इज्ज़त की चादर वही मर्द पहनाता है,
जिसकी परवरिश एक अच्छी मां ने की हुई हो।-
Golu ji - आजकल Kam नहीं करते हो
Bholu ji -Sar हमारा जितनी salary हैं न वह तो punch करते ही खतम हो जाता हैं बाकी सारा Kam तो हमारा overtime में हैं़़़
😃😃😄😄😄
Golu ji - अरे promotion तो दिया इस बार
Bholu ji - promotion का क्या आचार
डालें जब paise ही न दिये ....
😃😃 Corona bhaiya 😃😃-