निगाहें, जंजीरों का सहारा बन जाती है
जिस्म-ए-रूह किसी और की हो जाती है-
23 JUL 2018 AT 20:04
23 JUL 2018 AT 9:48
जो ज़ंजीरों से रिहा हो जाते हैं,
अक्सर किसी की मस्त निगाहों में कैद हो जाते हैं!!
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13 NOV 2019 AT 22:09
Dil bol raha hai tumse
Saanson mein utar jao
Jitna tumhe chaahu main
Utna mujhe tum chaaho-