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पीड़ा के संग मैं रास रचाता...
आँसू को सम्मानित करता हूँ...
दर्द है प्रियतम दोस्त मेरा...
दुख को गले लगाता हूँ...-
हमारी दुनिया सिर्फ हमारी होगी..
तेरा साथ मेरी मजबूती होगी.
तूने हमे कठपुतली मान धूल समझा,
तेरी गुडिया हू ऐसा भूल समझा..
साथ दी तेरा प्रेम समझकर,,
उसे तूने कमजोरी समझा..
हमें साथ चाहिए, मालिक नहीं..
पति चाहिए भगवान नहीं..
रिश्ते निभाना कमजोरी नहीं हमारी..
जोड़े रखना संस्कार है हमारी.
ये शक्ति हैं हमारी..
पहचान रही हैं नारी की..
महिला आग हैं तो पानी भी..
लक्ष्मी हैं तो दुर्गा भी,,
ललकारा हैं तूने अस्तितव् को..
तेरे लिए रम्भा अब रौद्र रूपनी बनेगी..
कमजोर आंकना भूल तेरी.
अस्तितव् मेरी धरोहर हैं..
नारी हैं!!
सम्मान यही हैं यही मेरा अभिमान हैं..-
क्यों कहते हो भगवान ने खुशियाँ छीन ली
तुमने भी तो किसीको एक दिन खूब रुलाया था।
क्यों खुद एक फाँसी के फंदे से डर गए अब
तुमने भी किसीकी तन्हाई को रात भर तड़पाया था।
कैसे समझ लिया अकेला उसको
जिसने आखरी दम तक दूसरो को बचाया था।
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"Samaaj me to tum bhi rehte ho...... par samaajik nahi,
Izzat to tumhari bhi hai...par sammanit nahi."-
*कल पड़ोस में एक पार्टी चल रही थी, पता नही - किसकी थी*, देख कर खाने का मन करने लगा, बस कोट पेंट पहना और पहुँच गए खाने, खाकर निकलने ही वाला था कि किसी को शक हो गया, पकड़ लिया,
पूछने लगे : बाराती हो या घराती, मैंने कहा : *मैं तो एक टीचर हूँ,* इस बार हमारी डयूटी जनगणना नहीं, इलेक्शन भी नहीं, बल्कि
*सरकार ने शादी में आदमी की गिनती करने में लगा दी है*,
कहा है 10 से अधिक होने पर तुरंत ऊपर के अधिकारी को बताए। यह सुनकर मेरा काफी सम्मान किया गया और आते समय मिठाई का डिब्बा भी दिया😂😂😂😂😂-