Rabji...
"..ऐ परछाई.."
पास आके...ज़रा अहसास करा
"मुझे मेरे होने का"
मैं बरसों से बहता ही रहा हूं
वक़्त के गहरे दरिया में।-
उस सफरनामे की बात न करो जिसमें सफर न रहा
और उस शख्स से फरियाद मत करो,जो हमसफर न रहा🤍-
सफरनामा
रुकसत ना मिले कभी राह मे,
चलना ही तो रुदबा हैं राह का।
मंजिल ना दिखा कभी सफर मे,
कशमकष ही तो चैन हैं सफर का।
हर कशीष को रेहने दे अधुरा,
मिलन तो अंत हैं चाहत का।
बेहने दे हर पल सुकून की चाह मे,
ठेहराव तो बस तीनका सा हैं सुकून का।
मत दिखा आईना किसीं को,
चेहरा तो जाल हैं भ्रम का ।
रेहने दे प्यासे ये नयन,
तेरा रूप तो आखरी पडाव हैं सफर का
जवाब ना दे ए जिंदगी,
तेरे सवाल ही तो मकसद हैं जिने का ।
रहने दे हर बात अधुरी..
हर प्यास अधुरी..
हर आस अधुरी..
रहने दे जिंदगी अधुरी..
पुरी तो बस मौत हैं,
जिने दे .. जिने दे .. जी भर के जिने दे.. रख अधुरा.. बस्स जिने दे ..!!-
ना मंज़िल की ख्वाहिश
ना सुगम्य रास्तों की आस है
सफ़र है ये ज़िन्दगी मेरी
बस एक हमसफ़र की तलाश है।।-
लम्बा सफर तय करना है साहब,,,,,
ठोकरों से मुलाकात होना लाजमी है....!!!!!!-
गहन अंधेरी पहर में
शून्य के नीचे
चित्त पड़ी हुयी
नीरस किन्तु आश्वस्त
पराजित सिंघनी-सी
टिमटिमाते तारों को ताकते हुए
कभी फफक कर
कभी सिसक कर
निर्झर-निर्झर बहते हुए
बिखरे कल को भूल
आज को समेटे
कल की खूबसूरती को
आशाओं की ढेर से सजाती हूं
मै अगले ही क्षण
खूब जोर से मुस्कुराती हूं ...!!
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सिर्फ सांसों की डोर ही जारी है साहब,,,
वरना मुद्दत हो गई है हमें गुज़रे हुए.....!!!!!!-
आंखों की आँशु बन कर रह गई हो
मानो आँशु बहाना भी मुश्किल हो गई हो।-
अभी तो मंजिल की तरफ क़दम बढ़ाया हैं..
कामयाबी तक पहुंचना अभी बाक़ी है..
ले ले सारे इम्तिहान ऐ जिन्दगी!!
अभी हीरे सा चमकना मुझे बाक़ी है..-
वक्त कम है मगर ,
हौसलों से सपनो के आस में है ,
यूं कहें तो मंजिल मेरे ही पास में है ,
लेकिन ,ज़िन्दगी कुछ ऐसे हालात में है ,
हम खुद अपनी तालाश में है !!
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