राम मिले ममता की माँ कौशल्या को राम मिले है पत्थर की बनी अहिल्या को राम नहीं मिलते यूँ ही मंदिर के फेरो में राम मिले है केवल शबरी के जूठे बेरों में जय श्री राम🚩
कीमत इंसान की नहीं, उसके जरूरतों की होती हैं यहाँ लोग अपनी जरूरतों के लिए, लाखों लुटा सकते है लेकिन, बारी जब दूसरों की हो तो बातें भी महंगी पड जाती है🙂