रात दिन और दिन रात
कहाँ गया अब तेरा साथ
कैसे जियें अब हम
बिन तेरे ओ सनम-
मुश्किलें तमाम हो पर साथ तेरा हो
गिरू अगर तो संभाले मुझे वो हाथ तेरा हो-
याद तो बहुत आ रही है तुम्हारी
इस बारिश के मौसम में
काश तुम साथ होते
ज़िन्दगी का आनंद लेते हम
दिल में तो बहुत दर्द भरा है
तुम्हारे जाने के बाद ....-
Ek ajeeb sa kashmakash hai
Usme bhi yeh sukoon kaisa?
Ab jo tu mila iss dil ko tasalli hui
Sayad Isse bhi chahat tha koi tere jaisa🧡-
तुम एक लम्बी साथ
लेकर आना
बड़ी अर्जीयाँ सुनानी हैं,
तुम्हें बाँहो में भरकर
कुछ हमारी ही
दास्तान गुनगुना़नी हैं l l-
तेरे साथ जुड़कर भी तेरी कमी थी
इतनी अकेली तो मैं अकेली भी नहीं थी।-
मंज़िल एक ना सही,
साथ मेरे कुछ दूरी और तय कर ले।
तू मेरा ना हुआ ना सही,
कुछ पल अपने मेरे नाम कर ले।-
Gullak ki tarah tha humara rishta .....jb toota tb keemat samajh aayi......bahut yaade thi humari mohabbat ke dino ki......jb dusro ko saath me mohabbat krte dekha tb apne mohabbat ke dino ki yaad aayi
-
देखो ना वक्त की सुई,
मुझे फिर से उन लम्हों मे ले गई l l
तभी तो मेरे दर्द की दास्तां,
आज मुझसे बहुत कुछ कह गई l l
जानती हो उन बीते बातों की यादें,
मेरी इन आँखों से बेह गई l l
कहने को तो तू मुझसे दूर थी,
पर पता है दूर होकर भी तू मेरे पास ही रह गई l l-
संघर्ष के इस मोड़ पर...
जो थाम रही ना हाथ तू...
सितारे चमकेंगे अपने किसी दिन...
पर अफसोस, रहेगी ना साथ तू...-